मुंबई के कालबादेवी इलाके में स्थित 120 साल से भी पुरानी स्वदेशी मार्केट इमारत जर्जर हालत में है. इसके पुनर्विकास का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन कुछ व्यापारी इसका विरोध कर रहे हैं. इमारत में 500 से अधिक किराएदार व्यापारी और कुछ स्थानीय निवासी हैं, जिनमें कई गुजराती और कुछ मराठी परिवार शामिल हैं.

म्हाडा और बीएमसी दोनों ही संस्थाओं ने इमारत खाली करने का आदेश दिया है और खतरनाक हिस्सों को गिराने का काम भी शुरू कर दिया है. लेकिन 12 व्यापारियों ने अपने व्यवसाय जारी रखने के लिए, ग्राहकों की जान जोखिम में डालते हुए, बीएमसी की नोटिस पर स्थगन आदेश हासिल कर लिया है. इमारत के खतरे के बावजूद वहां व्यापार जारी है.

कुछ व्यापारियों ने किया समर्थनइसके विरोध में शुक्रवार (18 जुलाई) को पुनर्विकास के समर्थन में व्यापारी और निवासी सड़क पर उतरे. उनका कहना है कि आंदोलन का मकसद पुनर्विकास की प्रक्रिया को आगे बढ़ाना है और वे चाहते हैं कि प्रशासन, विरोध कर रहे व्यापारी और प्रबंधन आपसी संवाद से समाधान निकालें.

'जान से खिलवाड़ मत करो'पिछले 48 वर्षों से स्वदेशी मार्केट इमारत में रह रहे मुकेश मोरे का कहना है कि इमारत जर्जर हो चुकी है, बीएमसी ने पांचवीं मंजिल तोड़ दी है, फिर भी कुछ व्यापारियों को सिर्फ अपने धंधे की चिंता है. वे पुनर्विकास का विरोध कर रहे हैं. उन्होंने व्यापारियों से अपील की है कि लोगों की जान से खिलवाड़ मत करो.

पुनर्विकास का विरोध कर रहे कुछ व्यापारीवहीं स्वदेशी मार्केट के एक छोटे व्यापारी हैं रूपम भाटिया ने कहा कि जब म्हाडा ने रहवासियों के घर तोड़े, तब कोई भी व्यापारी उनका हाल पूछने तक नहीं आया. अब आधा अधूरा तोड़ने के बाद भी पुनर्विकास का विरोध क्यों. उन्होंने कहा कि कुछ चुनिंदा व्यापारियों की जिद के कारण सबकी जान से खिलवाड़ करना सही नहीं है. 

ग्राहकों और निवासियों की सुरक्षा के लिए मराठी निवासी और गुजराती व्यापारी दोनों अब एक साथ आए हैं.

• 1960: इमारत कमजोर होने पर शेयर बेचकर मरम्मत के लिए फंड जुटाया गया• 2012: स्वदेशी मार्केट का ब्रिज गिरा• 2016: मरम्मत की बजाय पुनर्विकास की मांग हुई, लेकिन प्रबंधन ने मरम्मत का रास्ता चुना• 2023: फरवरी: BMC की ओर से C2 नोटिस जारी• जुलाई: इमारत को C1 कैटेगरी की (अत्यंत खतरनाक) घोषित किया गया• अगस्त: PMC के चयन के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू पलाश PMC नियुक्त• सितंबर: बिल्डर टेंडर प्रक्रिया  6 बिल्डर्स ने हिस्सा लिया ओबेरॉय, यूनिक शांति, आशापुरा, शेल्टन, वर्धमान, भांडारी