मुंबई जैसे शहर में जहां हर कोने पर CCTV कैमरे और पुलिस की पैनी नजर रहती है, वहां भी कुछ लोग नियमों को तोड़कर मनमानी करने से पीछे नहीं हटते. ऐसा ही एक मामला मलाड पश्चिम से सामने आया है, जहां एक फिल्म क्रू टीम पुलिस की वर्दी और पुलिस वाहन जैसी गाड़ी का इस्तेमाल करते हुए बिना अनुमति के शूटिंग कर रही थी. पुलिस ने मौके पर पहुंचकर पूरी टीम को पकड़ लिया और मामला दर्ज कर लिया है.

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घटना की शुरुआत तब हुई जब बांगुर नगर पुलिस स्टेशन के अधिकारी देवेंद्र थोराट और उनके साथी प्रशांत बोरकुट ड्यूटी खत्म कर लौट रहे थे. रास्ते में उन्होंने एक इमारत के बाहर सफेद रंग की बोलेरो खड़ी देखी, जिस पर महाराष्ट्र पुलिस का लोगो लगा हुआ था.

गाड़ी संदिग्ध लगी तो उन्होंने और गौर किया. तभी उनकी नजर एक शख्स पर पड़ी जो पुलिस की वर्दी पहनकर गाड़ी के पास खड़ा था. पास ही खड़ी इनोवा से एक कैमरामैन कैमरा लेकर शूटिंग कर रहा था.

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पूछताछ में निकली सच्चाई

पुलिस ने मौके पर जाकर पूछताछ की तो वहां मौजूद एक महिला ने खुद को अंजलि अनुज छाबड़ा बताया. उसने कहा कि वह रितेश कौल की कंपनी रोज ऑडियो विजुअल्स के लिए कंटेंट बना रही है.

जब पुलिस ने परमिशन पत्र मांगा तो वह चौंक गई और मान लिया कि उनके पास किसी भी तरह की आधिकारिक अनुमति नहीं है. उसने सफाई दी कि वे लोग "जागरूकता वीडियो" शूट कर रहे थे.

जांच में पता चला कि वर्दी पहनने वाला शख्स ऋषिकेश सक्सेना था. इनोवा का ड्राइवर रमेश था, कैमरा रेहान संभाल रहा था, जबकि बोलेरो मुदस्सिर सरवर शेख चला रहा था. अंजलि अनुज छाबड़ा इस पूरे शूट की जिम्मेदार थी और प्रोडक्शन कंपनी से जुड़े रितेश कौल का नाम भी सामने आया. पुलिस ने तुरंत सभी को थाने ले जाकर पूछताछ की.

बांगुर नगर पुलिस ने साफ किया कि बिना अनुमति के सार्वजनिक जगह पर शूटिंग करना गंभीर अपराध है. खासकर तब, जब पुलिस की वर्दी और लोगो का दुरुपयोग किया जा रहा हो. यह आम जनता को गुमराह करने के साथ-साथ कानून की गरिमा को ठेस पहुंचाता है.

इस मामले में पुलिस ने अंजलि अनुज छाबड़ा, रितेश कौल, ऋषिकेश सक्सेना, रमेश और मुदस्सिर सरवर शेख के खिलाफ बीएनएस की धारा 205, 223 और 3(5) के तहत मामला दर्ज किया है.