Mumbai Crime News: मलाड पुलिस ने एक 24 वर्षीय, पूर्व पेटीएम सेवा एजेंट को गिरफ्तार किया है, जिसने पेटीएम मशीन की सर्विसिंग के बहाने एक किराने की दुकान के मालिक से 3 लाख रुपये से अधिक की ठगी की है. मलाड साइबर यूनिट के मुताबिक सर्विस एजेंट ने किराना मालिक के मोबाइल फोन पर आए ओटीपी को कॉपी किया था और फिर विभिन्न फर्जी बैंक खातों के जरिए किराना स्टोर के मालिक को किया गए भुगतान खुद ले लिया. आरोपी की पहचान नीलेश घोसालकर के रूप में हुई है. उसने लॉकडाउन से पहले पेटीएम छोड़ दिया था और वर्तमान में फील्ड सेल्स एजेंट के रूप में "फ्रीचार्ज" मोबाइल बैंकिंग ऐप के लिए काम कर रहा है.

असली ग्राहक सेवा एजेंट के पहुंचने से पहले पहुंच गया आरोपी

जानकारी के मुताबिक शिकायतकर्ता जो सुंदर नगर क्षेत्र, मलाड (पश्चिम) में एक सुपरमार्केट चलाता है, पेटीएम मशीन का उपयोग करता है जिसे उसी आरोपी ने कुछ महीने पहले पेटीएम से नौकरी छोड़ने से पहले लगाया था. दुकान के मालिक की पेटीएम मशीन को सर्विसिंग की जरूरत थी इसलिए उसने पेटीएम ग्राहक सेवा एजेंट को बुलाया था लेकिन पेटीएम सर्विस एजेंट के दुकान के पास पहुंचने से पहले घोसालकर आया और मालिक से पूछा कि क्या उन्हें मशीन की सर्विसिंग की जरूरत है.

एक अधिकारी ने कहा कि चूंकि आरोपी उसे जानता था, इसलिए दुकानदार ने उसे बिना यह जाने मशीन की सर्विस करने की इजाजत दे दी कि आरोपी अब पेटीएम के साथ नहीं काम करता है. दुकान मालिक की मौजूदगी में पेटीएम मशीन सर्विस कराने के बहाने घोसालकर ने मालिक का मोबाइल फोन ले लिया. उसने ओटीपी को कॉपी कर ऐप को अपने फोन के लिए भी एक्सेस कर दिया और दुकान से निकल गया.

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आरोपी ने ट्रांसफर किये थे 3.67 लाख रुपये

अधिकारी ने कहा कि घोसालकर ने तब विभिन्न बैंक खातों में यूपीआई पिन का उपयोग करके लगभग 3.67 लाख रुपये ट्रांसफर कर लिए और बाद में अपने सहयोगियों की मदद से उसे अपने खाते में ले लिया. यह जानकारी करने के बाद कि पैसा चला गया है, पीड़ित ने पिछले हफ्ते मलाड पुलिस स्टेशन में शिकायत की जिसके बाद आरोपी आरोपी को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया गया. जहां से बाद में उसे 14 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.

पूछताछ के दौरान पता चला कि घोषालकर ने अपने एक सहयोगी की मदद से कई ग्राहकों को ठगा था और उन्होंने फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल कर खोले गए विभिन्न बैंक खातों में यूपीआई पिन का इस्तेमाल कर रकम ट्रांसफर कर दी थी. साइबर यूनिट के पीएसआई धीरज वायकोस ने कहा कि अब तक हमने आरोपियों के 4 से 5 फर्जी बैंक खातों का पता लगाया है, जिसमें उन्होंने राशि ट्रांसफर की है.

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