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मुंबई महानगरपालिका (BMC) ने शहर में बढ़ते वायु प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए सख्त कदम उठाया है. अब मुंबई के सभी निर्माण स्थलों पर प्रदूषण मापने वाली मशीनें लगाना अनिवार्य कर दिया गया है. ये मशीनें PM2.5 और PM10 जैसे प्रदूषण के प्रमुख कणों का वास्तविक समय (रियल-टाइम) डेटा रिकॉर्ड करेंगी.

बीएमसी के ताजा आदेश के अनुसार, हर निर्माण स्थल पर न सिर्फ यह डेटा रिकॉर्ड किया जाएगा, बल्कि साइट के बाहर लगे LED डिस्प्ले बोर्ड पर प्रदूषण स्तर की जानकारी सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित भी की जाएगी. ये सभी मॉनिटरिंग डिवाइस बीएमसी के सेंट्रल कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम से जुड़ी होंगी, ताकि हर साइट का डेटा रियल टाइम में मॉनिटर किया जा सके.

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एक महीने की डेडलाइन, उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई

बीएमसी ने बिल्डरों और डेवलपर्स को उपकरण लगाने और डेटा ट्रांसमिशन शुरू करने के लिए एक महीने का समय दिया है. तय समय में नियमों का पालन न करने वालों पर कार्रवाई शुरू हो गई है. अब तक बीएमसी ने 314 नोटिस (275 शो-कॉज और 39 स्टॉप-वर्क) जारी किए हैं. कुल मिलाकर अब तक 878 शो-कॉज और 438 स्टॉप-वर्क नोटिस भेजे जा चुके हैं.

बीएमसी की 28 सूत्रीय गाइडलाइन का हिस्सा

यह आदेश बीएमसी की 28 बिंदुओं वाली नीति का हिस्सा है, जो निर्माण गतिविधियों और सड़क धूल से फैलने वाले प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए तैयार की गई है. हाल के वर्षों में निर्माण और सड़क धूल ने मुंबई की हवा को काफी प्रदूषित किया है, जिस पर बीएमसी के पर्यावरण विभाग ने बॉम्बे हाईकोर्ट के निर्देशों के तहत सख्त कदम उठाए हैं.

बिल्डरों को क्या करना होगा

  • हर सरकारी, निजी या पुनर्विकास परियोजना में बीएमसी-अनुमोदित एयर क्वालिटी मॉनिटर लगाना होगा.
  • ये सेंसर लगातार PM2.5, PM10, तापमान और आर्द्रता का डेटा रिकॉर्ड करेंगे.
  • साइट के बाहर एक डिजिटल एलईडी बोर्ड पर यह डेटा दिखाना अनिवार्य होगा.
  • सभी उपकरण बीएमसी के ऑनलाइन डैशबोर्ड से जुड़े रहेंगे ताकि अधिकारी कभी भी डेटा देख सकें.
  • बिल्डरों को केवल बीएमसी द्वारा स्वीकृत कंपनियों से ही सेंसर खरीदने की अनुमति होगी.

धूल नियंत्रण के अन्य उपाय

  • निर्माण क्षेत्र में नियमित पानी का छिड़काव किया जाएगा.
  • मलबा और ट्रकों को तिरपाल से ढंका जाएगा.
  • साइट पर बैरिकेडिंग और एंटी-स्मॉग गन का उपयोग अनिवार्य होगा.
  • वाहनों के टायरों की सफाई और सेंसरों का नियमित रखरखाव सुनिश्चित करना होगा.

उल्लंघन पर कार्रवाई

नियमों का उल्लंघन करने वाली साइटों पर बीएमसी पहले शो-कॉज नोटिस जारी करती है, और सुधार न होने पर स्टॉप-वर्क ऑर्डर देकर काम रोक देती है. बार-बार नियम तोड़ने वाले डेवलपर्स के खिलाफ प्रोजेक्ट परमिशन रद्द करने और भारी जुर्माना लगाने की कार्रवाई भी की जा सकती है.

नागरिकों के लिए लाभ

अब निर्माण स्थलों के पास रहने वाले लोग LED बोर्ड पर रियल-टाइम में प्रदूषण स्तर देख सकेंगे. किसी भी उल्लंघन की शिकायत बीएमसी हेल्पलाइन या संबंधित वार्ड कार्यालय में दर्ज कराई जा सकती है. इससे वायु गुणवत्ता में सुधार के साथ नागरिकों को पारदर्शी जानकारी मिलेगी.

पारदर्शिता और जवाबदेही की दिशा में कदम

बीएमसी का यह कदम निर्माण कार्यों से फैल रहे प्रदूषण पर अंकुश लगाने की दिशा में एक बड़ा बदलाव माना जा रहा है. इससे बिल्डरों की जवाबदेही तय होगी, नागरिकों को जानकारी मिलेगी और मुंबई में स्वच्छ हवा सुनिश्चित करने की दिशा में ठोस प्रगति होगी. यह नीति विकास और पर्यावरणीय जिम्मेदारी के बीच संतुलन स्थापित करने की दिशा में बीएमसी की अहम पहल है.