देश की आर्थिक राजधानी कहे जाने वाली मुंबई में अब लोगों का दम घुटने लगा है. शहर की हवाओं में वायु गुणवत्ता तेजी से बिगड़ने के बाद बीएमसी ने GRAP-4 लागू कर दिया है, जिसे प्रदूषण का सबसे गंभीर स्तर माना जाता है. 

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मझगांव, देवनार, मलाड, बोरीवली ईस्ट, चाकाला- अंधेरी ईस्ट, नेवी नगर, पवई और मुलुंड जैसे इलाकों में AQI 200 के पार दर्ज किया गया, जिससे हालत चिंताजनक हो गई है. बीएमसी ने शहरभर में तात्कालिक कार्रवाई शुरू की है ताकि प्रदूषण को जल्द नियंत्रित किया जा सके.

निर्माण गतिविधियां रोकी गईं, सख्त एक्शन शुरू

GRAP-4 लागू होते ही धूल फैलाने वाले सभी निर्माण कार्यों पर रोक लगाई गई और निरीक्षण अभियान तेज कर दिया गया. बीएमसी की टीमों ने 70 से अधिक निर्माण साइटों का निरीक्षण किया जिनमें से 53 स्थानों पर अनियमितताएं मिलने पर स्टॉप-वर्क और शटडाउन नोटिस जारी किए गए. इसके अलावा 50 से अधिक निर्माण और RMC प्लांट्स को नियमों का पालन सुनिश्चित करने के लिए कड़ी चेतावनी दी गई.

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उद्योगों पर सख्ती और हर वार्ड में उड़न दस्ते तैनात

बेकरी, मार्बल कटिंग यूनिट्स और छोटे औद्योगिक केंद्रों को प्रदूषण-नियंत्रित प्रौद्योगिकी अपनाने के निर्देश दिए गए और उल्लंघन करने वालों पर दंड की चेतावनी दी गई. बीएमसी ने सभी वार्डों में विशेष उड़न दस्ता तैनात किया है जिसमें इंजीनियर, पुलिस बल और GPS-ट्रैक्ड वाहन शामिल हैं. ये टीमें निर्माण स्थलों, उद्योग इकाइयों और प्रदूषण के अन्य स्रोतों पर लगातार कार्रवाई कर रही हैं ताकि GRAP-4 का सख्ती से पालन सुनिश्चित किया जा सके.

हवा की रफ्तार घटी, स्थायी समाधान पर जोर

शहर के कई पॉकेट्स में AQI 200 से 300 के बीच ‘खराब’ से ‘बहुत खराब’ स्तर में दर्ज किया जा रहा है, जिससे दृश्यता कम होने, स्मॉग बढ़ने और आंखों व सांस संबंधी समस्याओं में तेजी आई है. विशेषज्ञों का मानना है कि मुंबई की वायु गुणवत्ता में स्थायी सुधार तभी संभव होगा जब दीर्घकालिक क्लीन-एयर एक्शन प्लान पर चरणबद्ध और कड़ाई से अमल हो. फिलहाल शहर का मौजूदा AQI 192 दर्ज किया गया है जो सामान्य स्तर से काफी खराब है.