पिछले दो दिनों से मुंबई की हवा लगातार खराब होती जा रही है. कई इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 200 के पार पहुंच गया है, जो “खराब” श्रेणी में आता है. बढ़ता प्रदूषण स्तर खासकर एलर्जी, अस्थमा, दिल और फेफड़ों से संबंधित बीमारियों से पीड़ित लोगों के लिए खतरे की घंटी साबित हो सकता है.

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सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के ऐप ‘समीर’ के मुताबिक रविवार को मुंबई की औसत वायु गुणवत्ता 159 एक्यूआई थी, जो सोमवार दोपहर 3 बजे तक बढ़कर 190 एक्यूआई तक पहुंच गई. इस दौरान विले पार्ले में सबसे अधिक 252 एक्यूआई दर्ज की गई. इसके अलावा खेरवाड़ी में 219, भायखला में 216 और बीकेसी में 202 एक्यूआई दर्ज हुई. ये आंकड़े बीएमसी और महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा स्थापित मॉनिटरिंग स्टेशनों से प्राप्त किए गए हैं.

मुंबई की हवा का स्तर खराब

वहीं, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रॉपिकल मेट्रोलॉजी (IITM) के उपकरणों के अनुसार सोमवार को मुंबई की कुल वायु गुणवत्ता “खराब” श्रेणी में रही. बीकेसी में सबसे ज्यादा 335 एक्यूआई, कोलाबा में 280, देवनार में 268, अंधेरी और मझगांव में 254, बोरीवली में 230, मालाड में 213 और वरली में 212 एक्यूआई दर्ज की गई.

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एयर क्वॉलिटी इंडेक्स (AQI) का पैमाना

0 से 50: अच्छा 51 से 100: संतोषजनक 101 से 200: असंतोषजनक 201 से 300: खराब 301 से 400: बहुत खराब 401 से 500: घातक

ये बड़े हैं कारण

विशेषज्ञों का कहना है कि हर साल मॉनसून के बाद मुंबई की वायु गुणवत्ता बिगड़ने लगती है. बारिश खत्म होते ही हवा की गति कम हो जाती है और तापमान में गिरावट से प्रदूषण के कण वायुमंडल में ही ठहर जाते हैं. शहर में बढ़ता ट्रैफिक, निर्माण कार्य, औद्योगिक धुआं और घरों से निकलने वाला धुआं प्रदूषण का मुख्य कारण हैं. इसके अलावा दीपावली पर पटाखों की आतिशबाजी ने भी हवा में प्रदूषण के कणों की मात्रा बढ़ा दी है.चिकित्सकों ने सलाह दी है कि जिन लोगों को एलर्जी, अस्थमा, हृदय या फेफड़ों की समस्या है, वे इन दिनों घर से बाहर निकलने से पहले मास्क का इस्तेमाल करें और सुबह की सैर से परहेज करें.