MSRTC Employees Salary Issue: महाराष्ट्र राज्य परिवहन निगम (MSRTC) की आर्थिक हालत दिन-प्रतिदिन खराब होती जा रही है. एसटी कर्मचारियों को उनके वेतन का केवल 56 प्रतिशत ही दिया जा रहा है. निगम के 77 साल के इतिहास में यह पहली बार है जब वेतन इस तरह चरणों में दिया जा रहा है.
 
वित्त विभाग से भीख नहीं मांग रहे- सरनाईक 
महाराष्ट्र की एसटी सेवा ऐसी है जो गांव गांव में जाती है और लोगो को सेवा देती है. एसटी कर्मचारियों को आधी पगार मिलने पर परिवहन मंत्री और शिवसेना के नेता प्रताप सरनाईक ने नाराजगी जताई है.
 
प्रताप सरनाईक ने कहा कि जब 900 करोड़ की मांग थी तो केवल 272 करोड़ मिलना उचित नहीं था. इनका वेतन 30 से 50 हजार रुपये होता है और इन्हें प्रोविडेंट फंड आदि भी देना होता है.
 
उन्होंने कहा, ''एकनाथ शिंदे से बात की और उन्होंने वित्त सचिव से बात की और कहा कि वेतन का भुगतान मंगलवार तक कर दिया जाएगा. हम वित्त विभाग से भीख नहीं मांग रहे हैं, हम अपना वेतन मांग रहे हैं. इस महीने मुद्दा हल हो गया, अन्य कर्मचारियों को उनका वेतन मिलता है, एसटी कर्मचारियों को क्यों नहीं मिलता?'' बता दें कि महाराष्ट्र में वित्त विभाग डिप्टी सीएम अजित पवार के पास है.
 
धन की भारी कमी, कर्मचारियों में नाराजगी
 
निगम को हर महीने लगभग 460 करोड़ रुपये की आवश्यकता होती है, जिसमें से 277 करोड़ वेतन के लिए जरूरी होते हैं. लेकिन सरकार द्वारा रियायती टिकट दरों की भरपाई न किए जाने के कारण मार्च में केवल 272.96 करोड़ रुपये ही दिए गए, जिससे 5 करोड़ रुपये का घाटा हुआ.
 
इस बीच, निगम ने अपने कर्मचारियों द्वारा लिए गए ऋण की अदायगी हेतु एसटी बैंक को 40 करोड़ रुपये चुका दिए हैं. बची हुई रकम से पूरी सैलरी देना संभव नहीं रहा, जिससे करीब 87,000 कर्मचारियों को केवल 56% वेतन मिला है. सुरक्षा गार्ड्स को तो केवल 50% वेतन मिला है. इस पर ट्रेड यूनियनों ने तीखी नाराजगी जताई है.

एसटी निगम पर बकाया का भारी बोझ:

-रियायती टिकट प्रतिपूर्ति बकाया: 1000 करोड़ रुपये-महंगाई भत्ता: 120 करोड़ रुपये-पीएफ: 1100 करोड़ रुपये-ग्रेच्युटी: 1150 करोड़ रुपये-एसटी बैंक कर्ज: 150 करोड़ रुपये-एलआईसी बकाया: 10 करोड़ रुपये-अवकाश नकदीकरण: 60 करोड़ रुपये-मेडिकल प्रतिपूर्ति: 10 करोड़ रुपये-डीज़ल बकाया: 100 करोड़ रुपये-वेयरहाउस: 80 करोड़ रुपये-आपूर्तिकर्ता कंपनियों का बकाया: 50 करोड़ रुपये-दुर्घटना राहत निधि: 3 करोड़ रुपय

महाराष्ट्र एसटी वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष संदीप शिंदे ने कहा कि यह स्थिति बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है और इससे कर्मचारियों का मनोबल टूट रहा है. वहीं कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने सरकार की आलोचना करते हुए पूछा, “जब कर्मचारियों को वेतन देने के लिए फंड नहीं हैं, तो योजनाओं की घोषणाएं किसके लिए की जा रही हैं?”
 
डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने क्या कहा?
एसटी कर्मचारियों के वेतन का शेष 44 प्रतिशत भुगतान अगले मंगलवार तक किया जाएगा. उप-मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इस संबंध में पहल की है और वित्त सचिव के साथ चर्चा के बाद उन्होंने एसटी कर्मचारियों के लंबित वेतन का जल्द भुगतान करने की बात कही है.
 
सांगोला तालुका के दौरे के दौरान कुछ एसटी कर्मचारियों ने उप-मुख्यमंत्री शिंदे से मुलाकात की और मांग की कि उनके शेष वेतन का भुगतान जल्द किया जाए. 
 
इस मांग पर तत्काल संज्ञान लेते हुए शिंदे ने राज्य के वित्त सचिव ओम प्रकाश गुप्ता से फोन पर इस मुद्दे पर चर्चा की. इस चर्चा के बाद गुप्ता ने स्पष्ट किया कि एसटी कर्मचारियों के इस माह के शेष 44 प्रतिशत वेतन का भुगतान अगले मंगलवार तक कर दिया जाएगा.