मराठा आरक्षण की मांग को लेकर कार्यकर्ता मनोज जरांगे के अनिश्चितकालीन अनशन से पहले मुंबई पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था को बेहद कड़ा कर दिया है. अधिकारियों के अनुसार दक्षिण मुंबई के आजाद मैदान में लगभग 1,500 से अधिक पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है. इसके अलावा सीआरपीएफ, आरएएफ, सीआईएसएफ और एमएसएफ बलों को भी चौकसी के लिए लगाया गया है.
जरांगे ने घोषणा की थी कि वे 29 अगस्त से आजाद मैदान में अनिश्चितकालीन अनशन शुरू करेंगे. इससे पहले वे 26 अगस्त को जालना जिले के अपने पैतृक गांव अंतरवाली सराटी से हजारों समर्थकों के साथ यात्रा पर निकले. गुरुवार सुबह उन्होंने छत्रपति शिवाजी महाराज की जन्मस्थली शिवनेरी किले पर श्रद्धांजलि दी और वहां से मुंबई रवाना हुए.
मैदान की सुरक्षा में कड़े इंतजाम
मुंबई पुलिस को अनुमान है कि दक्षिण मुंबई में 20,000 से अधिक प्रदर्शनकारी जुट सकते हैं. किसी भी अप्रिय स्थिति से बचने के लिए स्थानीय पुलिस के अलावा केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ), केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) और महाराष्ट्र सुरक्षा बल (एमएसएफ) की कंपनियां भी तैनात की गई हैं. अधिकारियों ने बताया कि गणेश उत्सव के दौरान सुरक्षा में लगी कुछ केंद्रीय इकाइयों को भी प्रदर्शन स्थल पर भेजा गया है. आजाद मैदान और उसके आसपास के क्षेत्रों में लगातार निगरानी रखी जा रही है.
जरांगे की क्या है मांग?
जरांगे की मुख्य मांग है कि मराठा समुदाय को कुनबी जाति के रूप में मान्यता दी जाए. कुनबी एक कृषि प्रधान जाति है जो अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) में शामिल है. यदि मराठों को यह दर्जा मिलता है तो उन्हें सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण का लाभ मिल सकेगा.
अनुमति पर शर्तें
पुलिस ने जरांगे को केवल एक दिन के लिए आंदोलन की अनुमति दी है. साथ ही यह भी शर्त रखी गई है कि प्रदर्शनकारियों की संख्या 5,000 से अधिक नहीं होनी चाहिए. बावजूद इसके राज्य के अलग-अलग हिस्सों से लोग मुंबई पहुंचने लगे हैं और माहौल पहले ही गर्म हो गया है. इस प्रदर्शन पर पूरे महाराष्ट्र और केंद्र सरकार की नजर है, क्योंकि यह मुद्दा राजनीतिक रूप से बेहद संवेदनशील माना जा रहा है.