2008 Malegaon Blast Case: मालेगांव विस्फोट मामले की सुनवाई कर रहे स्पेशल एनआईए जज ए के लाहोटी का कार्यकाल बढ़ा दिया गया है. बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) ने 2008 के मालेगांव विस्फोट केस की सुनवाई कर रहे विशेष एनआईए जज ए के लाहोटी का कार्यकाल 31 अगस्त तक बढ़ा दिया है. इससे कुछ दिन पहले ही उनका नासिक तबादला करने का आदेश जारी किया गया था.
स्पेशल एनआईए जज एके लाहोटी का नाम हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल द्वारा पहले जारी की गई जजों की वार्षिक तबादला सूची में शामिल था. इस महीने की शुरुआत में जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक उन्हें नासिक की एक अदालत में तैनात किया गया था.
जज एके लाहोटी का कार्यकाल क्यों बढ़ाया गया?
यह तबादला आदेश गर्मी की छुट्टियों के बाद 9 जून को अदालतों के फिर से खुलने के बाद प्रभावी होना था. हालांकि, एक ताजा नोटिफिकेशन में इस बात का जिक्र किया गया है कि जज एके लाहोटी का कार्यकाल को 31 अगस्त तक के लिए स्टे कर दिया गया है, ताकि वह मुकदमे के अंतिम स्टेज में चल रहे मामले में फैसला सुना सकें.
2008 में मालेगांव विस्फोट में कितने लोग मरे थे?
29 सितंबर, 2008 को उत्तर महाराष्ट्र के मुंबई से लगभग 200 किलोमीटर दूर मालेगांव में एक मस्जिद के पास ब्लास्ट हुआ था. मोटरसाइकिल पर बंधे विस्फोटक उपकरण के जरिए ये धमाका किया गया था. इस भयानक विस्फोट में छह लोग मारे गए थे और बड़ी संख्या में लोग जख्मी हुए थे. इसमें कई लोगों के खिलाफ मुकदमा चल रहा है.
आरोपियों पर UAPA के प्रावधानों के तहत मुकदमा
लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित और पांच अन्य पर मामले में उनकी कथित संलिप्तता के लिए मुकदमा चलाया जा रहा है. आरोपियों पर कड़े गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के प्रावधानों के तहत मुकदमा चल रहा है. मामले की शुरुआत में महाराष्ट्र आतंकवाद निरोधक दस्ते (ATS) ने जांच की थी, जिसे 2011 में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को सौंप दिया गया था.