Malegaon Bomb Blast Case 2008: मालेगांव 2008 बम धमाका मामला में बुधवार (20 मार्च) को आरोपी साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को अदालत में हाजिर होने का आदेश दिया गया था. मुंबई की एक अदालत के आदेश के बाद भी आज  प्रज्ञा सिंह ठाकुर अदालत में हाजिर नहीं हो पाईं. साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर की तरफ से अदालत में हाजिर हुए वकील ने कोर्ट को जानकारी दी कि साध्वी मुंबई में हैं लेकिन उनकी तबीयत काफी खराब है जिसके चलते वह अदालत में हाजिर नहीं हो पा रही हैं.


27 मार्च को कोर्ट में हाजिर होने का आदेश


खराब तबीयत का हवाला देते हुए वकील ने और समय मांगा. कोर्ट ने वकील की बात मानते हुए साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को 27 मार्च को अदालत में हाजिर होने का आदेश दिया. कोर्ट ने सुनवाई के वक्त साफ शब्दों में कहा कि अगली तारीख को साध्वी प्रज्ञा सिंह को अदालत में हाजिर होना ही होगा, नहीं तो उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया जाएगा.


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जारी किया गया था जमानती वारंट


बता दें कि सुनवाई के वक्त अदालत में हाजिर नहीं होने की वजह से साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया गया था और आज अदालत में पेश होने का आदेश था.


पिछले साल प्रज्ञा सिंह ठाकुर मुंबई के विशेष एनआईए अदालत के समक्ष अपना बयान दर्ज कराते समय रो पड़ीं थीं. एक समय वह भावुक हो गई थीं और अदालत की कार्यवाही 10 मिनट के लिए रोक दी गई थी, जब तक कि वह शांत नहीं हो गईं. 


इस मामले में प्रज्ञा के अलावा अन्य आरोपी हैं - सेवानिवृत्त मेजर रमेश उपाध्याय, लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित, सुधाकर चतुर्वेदी, अजय रहीरकर और समीर कुलकर्णी. दिसंबर 2018 में मुकदमा शुरू होने के बाद से अदालत ने अब तक 323 गवाहों की गवाही दर्ज की है, जिनमें से 34 मुकर गए. 29 सितंबर, 2008 को नासिक के मुस्लिम बहुल शहर मालेगांव में जुम्‍मे के रोज एक मस्जिद के पास मोटरसाइकिल से बाधंकर रखे गए बमों में विस्फोट होने से लगभग 9 लोगों की मौत हो गई और 100 से अधिक घायल हो गए थे.