Success Story Of Divya Pawale: असफल लोग अपनी नाकामी को लेकर कई तरह की दलील देते हैं. मुंबई के ठाणे की रहने वाली  दिव्या पावले की सफलता की कहानी ऐसे लोगों के लिए एक आइना है, जिन्होंने कैंसर से जूझते हुए एसएससी (10वीं) की परीक्षा 81.6% अंकों के साथ उत्तीर्ण की है. ठाणे के सरस्वती सीनियर सेकेंडरी स्कूल में पढ़ने वाली सोलह साल की दिव्या पावले को मई 2021 में टी-लिम्फोब्लास्टिक लिंफोमा (टी-एमलीबएल) का पता चला था, जो कैंसर का एक प्रकार है. इसके बाद उन्हें पूरे साल कीमोथेरेपी से गुजरना पड़ा.


आखिरी 1 महीने में तैयारी कर गाड़े सफलता के झंडे


कीमोथेरेपी कराने के दौरान दिव्या को कोरोना से भी संक्रमित होने का खतरा था, लेकिन दिव्या ने खुद को कमजोर नहीं पड़ने दिया. कैंसर से जूझ रहीं दिव्या ऑनलाइन क्लास अटेंड करने में असमर्थ थीं. उन्होंने कीमोथेरेपी  और ब्लड ट्रांसफ्यूजन के लिए नियमित तौर पर अस्पताल जाना पड़ता था. इससे उन पर और उनके परिवार पर भारी शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक दबाव पड़ा. दिव्या की मां विजया ने कहा कि दिव्या की कीमोथेरेपी 9 जनवरी तक चली और उसके बाद उसने एसएससी परीक्षाओं की तैयारी शुरू की. पिछले 25-30 दिनों में उसने अपनी पूरी मेहनत और लगन के साथ पढ़ाई की.


बेटी इतने अच्छे अंकों से पास होगी ये सोचा न था


दिव्या के माता-पिता को उम्मीद थी कि वह परीक्षा में पास हो जाएगी, लेकिन इतने अच्छे अंकों से पास होगी यह उन्होंने नहीं सोचा था. इतने अच्छे अंक लाने में दिव्या के शिक्षकों और उसके साथियों का भी योगदान रहा. उन्होंने दिव्या की पढ़ाई में हरसंभव मदद की. दिव्या ने बताया कि उन्होंने फिलहाल यह तय नहीं किया है कि उन्हें किस क्षेत्र में करियर बनाना है, लेकिन उन्होंने चुनौती का सामना करते हुए एसएससी की परीक्षा पास कर यह बता दिया है कि वह किसी भी क्षेत्र में सफलता हासिल कर सकती हैं.


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