Maharashtra: समाजवादी पार्टी के विधायक अबु आजमी ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने अपने बयान में देश में मुसलमानों पर अत्याचार और धार्मिक नफरत का आरोप लगाते हुए केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोला है. उन्होंने कहा कि 'भारत में मुसलमान किसी की मेहरबानी पर नहीं, सिर्फ अल्लाह की रहमत पर जीता है और डरता भी सिर्फ अल्लाह से है.'

आजमी ने कहा, “अगर भारत का हर मुसलमान एक हो जाए तो किसी की मजाल नहीं कि हमारी तरफ आंख उठा कर देखे.” उन्होंने पहलगाम आतंकी हमले का जिक्र करते हुए कहा कि उस हमले को पाकिस्तान, जो कि एक दुश्मन देश है, ने अंजाम दिया था, लेकिन भारतीय मुसलमानों ने दिल खोलकर मदद की, जान तक दे दी, लेकिन इसके बावजूद मुसलमानों के साथ धर्म पूछकर मारपीट की जा रही है.

अबु आजमी ने कहा कि उस हमले में टूरिज्म सेक्टर को भारी नुकसान हुआ, फिर भी मुसलमानों ने हजारों लोगों को मुफ्त में एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाया. उन्होंने कहा, “फिर भी आतंकियों ने धर्म पूछकर मारा और आज हमारे देश में मुसलमानों को धर्म पूछकर हर रोज मारा जा रहा है. लेकिन, कोई कुछ नहीं बोलता. प्रधानमंत्री ने इस पर आज तक एक बार भी बात नहीं की.” उन्होंने एक घटना का भी जिक्र किया, जिसमें कथित तौर पर एक मुस्लिम महिला से जबरदस्ती 'जय श्री राम' बुलवाया गया. 

सोफिया कुरैशी मामले पर क्या बोले अबु आजमी?सोफिया कुरैशी पर एमपी के मंत्री विजय शाह की ओर से की गई विवादित टिप्पणी का जिक्र करते हुए अबु आजमी ने कहा, “उस महिला पर ऐसी घिनौनी टिप्पणी की गई, लेकिन क्या हमने कोई धरना दिया? नहीं. अब समय आ गया है कि हम ऐलान करें, हम पूरी ताकत के साथ खड़े होंगे. विजय शाह की मजाल कैसे हुई ऐसा कहने की? जो लोग आज हमें नसीहत दे रहे हैं, वो अंग्रेजों के तलवे चाटते थे और आजादी की लड़ाई हमने लड़ी है.” 

मुसलमानों के खिलाफ फैल रही नफरत को रोके PM- अबु आजमीआजमी ने सोशल मीडिया पर भी अपनी बात रखते हुए कहा, “पहलगाम में जो आतंकवादियों ने किया, वही आज देश के मुसलमानों के साथ किया जा रहा है. पीएम मोदी को बोलना चाहिए और देश में मुसलमानों के खिलाफ फैल रही नफरत, हेट स्पीच और हेट क्राइम को रोकना चाहिए.”

उन्होंने मुंबई पार्टी मुख्यालय पर सांसद धर्मेंद्र यादव के स्वागत की जानकारी भी दी और बताया कि दोनों के बीच मौजूदा राजनीतिक हालात पर अहम चर्चा हुई. खासतौर पर मुंबई महानगरपालिका चुनाव को लेकर यह तय किया गया कि संविधानिक मूल्यों को बचाने के लिए PDA को एकजुट करना समय की सबसे बड़ी जरूरत है.

उन्होंने कहा कि समाज को भाषा, धर्म, जाति के नाम पर बांटा जा रहा है ताकि जनता का ध्यान असली मुद्दों, जैसे रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य से भटकाया जा सके. लेकिन, इसका जवाब मुंबई की गंगा-जमुनी तहजीब और PDA की एकता देगी.