Mumbai News: शिवसेना (उद्धव बाला साहेब ठाकरे) के नेता संजय राउत (Sanjay Raut) ने शुक्रवार को दावा किया कि राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी  (Bhagat Singh Koshyari) द्वारा छत्रपति शिवाजी महाराज (Chhatrapati Shivaji) के ‘अपमान’ मामले से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए कर्नाटक-महाराष्ट्र सीमा विवाद का मुद्दा उठाया गया है. कोश्यारी ने औरंगाबाद में पिछले सप्ताह एक कार्यक्रम में कहा था कि छत्रपति शिवाजी महाराज ‘‘पुराने जमाने’’ के आदर्श थे. राज्यपाल के इस बयान को लेकर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) और उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले शिवसेना गुट समेत कई राजनीतिक दलों ने उनकी आलोचना की है.

उस समय ध्यान भटकाने के लिए गिरफ्तार किया गया था

राउत ने यहां संवाददाताओं से कहा कि इससे पहले कोश्यारी ने अपनी टिप्पणी से मराठी भाषी लोगों का अपमान किया था कि अगर गुजरातियों और मारवाड़ियों ने शहर छोड़ दिया तो मुंबई देश की वित्तीय राजधानी नहीं रहेगी. राउत ने कहा, ‘‘उस समय इस अपमान से ध्यान भटकाने के लिए मुझे गिरफ्तार कर लिया गया था.’’ राउत पर पात्रा चॉल पुनर्विकास परियोजना से संबंधित धनशोधन का मामला दर्ज किया गया था. राउत को 100 दिनों तक जेल में रहने के बाद जमानत दी गयी थी. उन्होंने कहा कि इसी तरह अब सांगली में जाट तालुका पर कर्नाटक के दावे का इस्तेमाल लोगों का ध्यान भटकाने के लिए किया जा रहा है.

लोग छत्रपति शिवाजी के अपमान को नहीं भूलेंगे

शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता ने कहा, ‘‘उनके लिए यह पटकथा तैयार है. हालांकि, लोग छत्रपति शिवाजी महाराज का अपमान नहीं भूलेंगे चाहे आप कितनी भी कोशिश कर लें.’’ कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई द्वारा मंगलवार को दावा किए जाने के बाद महाराष्ट्र में राजनीतिक स्थिति गर्म हो गई है. बोम्मई ने कहा था कि सांगली जिले के जाट तालुका में कुछ ग्राम पंचायतों ने अतीत में एक प्रस्ताव पारित कर कर्नाटक में विलय करने की मांग की थी, जब वे गंभीर जल संकट का सामना कर रहे थे. इससे पहले दिन में राउत ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार से उनके आवास पर मुलाकात की.

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