Covid-19 in Maharashtra: कोविड-19 की तीसरी लहर के बीच घर में एंटीजन टेस्टिंग किट की डिमांड में तेज उछाल महाराष्ट्र के स्वास्थ्य विभाग के लिए चिंता का विषय बन गया है. अधिकारियों का मानना ​​​​है कि कई पॉजिटिव मामले रिपोर्ट नहीं किए जा रहे हैं क्योंकि पॉजिटिव टेस्ट करने वाले एजेंसियों को सूचित नहीं कर रहे हैं. वहीं कोविड -19 नेशनल टास्क फोर्स ने भी इस मुद्दे को गंभीर बताया है.


तीसरी लहर में Coviself की मांग लगभग 200 प्रतिशत बढ़ गई है


गौरतलब है कि पिछले महीने के मुकाबले महाराष्ट्र में एक्टिव कोविड -19 मामले अब पांच गुना बढ़ गए हैं, इसी के साथ घर पर एंटीजन टेस्ट किट की मांग भी बढ़ गई है. इंडियन एक्सप्रेस में छपी रिपोर्ट के मुताबिक माई लैब डिसक्वरी सॉल्यूशन के डायरेक्टर सुजीत जैन का कहना है कि, “ तीसरी लहर में CoviSelf की मांग लगभग 200 प्रतिशत बढ़ गई है. इन सबके बीच गंभीर बात ये है कि पब्लिक हेल्थ डिपार्टमेंट के पास कोविड पॉजिटिव मामलों को दर्ज करने के लिए कोई तंत्र नहीं है. इस वजह से राज्य में रोज आ रहे संक्रमण के मामलों की सही रिपोर्टिंग नहीं हो पा रही है.”


टेस्ट रिजल्ट की रिपोर्ट सीधे ICMR की वेबसाइट पर जमा की जाती है


वहीं जैन बताते हैं कि प्रोटोकॉल के अनुसार, ईजी टू यूज हर टेस्टिंग किट में ट्रेसबिलिटी और वास्तविकता सुनिश्चित करने के लिए एक यूनिक क्यूआर कोड होता है. “जब आप टेस्ट करते हैं, तो आपको ऐप डाउनलोड करना होगा और रिजल्ट की एक पिक्चर भी लेनी होगी. रिपोर्ट सीधे ICMR की वेबसाइट पर जमा की जाती है. हम अपने सभी खुदरा विक्रेताओं और ग्राहकों से अंडरटेकिंग लेते हैं. ”


यूजर्स के लिए अपना रिजल्ट अपलोड करना अनिवार्य नहीं है


हालांकि, यूजर्स के लिए अपना रिजल्ट अपलोड करना अनिवार्य नहीं है. एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक यदि कार्ड पर 'टी' (टेस्ट) लाइन दिखाई देती है, तो संदिग्ध मरीज को कोविड पॉजिटिव माना जाता है. चूंकि टेस्ट का रिजल्ट ऐप पर अपलोड किए बिना ही आ जाता हैं, इस कारण यूजर्स क्वाइंटाइन से बचने के लिए ऐसा करने से दूर रह सकते हैं और बाद में, कोविड -19 सुरक्षा प्रोटोकॉल का उल्लंघन कर सकते हैं.


लोगों अपनी रिपोर्ट जमा करें इसके लिए उठाए जा रहे कई कदम


वहीं स्टेट सर्विलांस ऑफिसर डॉ प्रदीप आवटे का कहना है कि, हम लोगों को अपनी रिपोर्ट जमा करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए नए विज्ञापन लेकर आ रहे हैं." उनका कहना है कि, “हम स्थिति से अवगत हैं और यह सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाएंगे कि सभी पॉजिटिव मामले सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज हों.”


घरेलू टेस्टिंग किट का कोई डेटा नहीं है


वहीं बीएमसी के अतिरिक्त आयुक्त सुरेश काकानी का कहना है कि घरेलू टेस्टिंग किट का कोई डेटा नहीं है. यह एक स्क्रीनिंग टेस्ट है, न कि कंफर्मेशन टेस्ट . अगर पॉजिटिव टेस्ट करने वाले अलगाव आइसोलेशन नियमों का पालन नहीं करते हैं, तो वे अपनी करीबी संपर्कों को संक्रमित कर देंगे. ”


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