Congress Vs Uddhav Faction Shiv Sena: कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष नाना पटोले (Nana Patole) ने विधान परिषद में विपक्ष के नेता का पद शिवसेना के अंबादास दानवे (Ambadas Danve) को दिए जाने पर गुरुवार को निराशा जताई और चेतावनी दी कि राज्य में महा विकास आघाडी (एमवीए) गठबंधन ‘‘स्थायी नहीं’’ है. पटोले ने आरोप लगाया कि महाराष्ट्र विधान परिषद के विपक्ष के नेता के संबंध में फैसला लेने से पहले उनकी पार्टी को इस बारे में नहीं बताया गया.

कांग्रेस ने लगाया ये आरोप

कांग्रेस द्वारा आयोजित तिरंगा यात्रा कार्यक्रम का उद्घाटन करने के लिए औरंगाबाद आए पटोले ने कहा कि राज्य में एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली सरकार केंद्रीय एजेंसियों और धन का उपयोग कर सत्ता में आई है और यह लंबे समय तक नहीं टिकेगी. उन्होंने कहा, ‘‘विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष का पद राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को दिया गया, जबकि शिवसेना को परिषद के उपसभापति का पद दिया गया, इसलिए हमें लगा कि कांग्रेस को यह (विधान परिषद में विपक्ष के नेता का) पद मिलना चाहिए. यह फैसला हमें ध्यान में रखे बिना लिया गया. हम इस मुद्दे को उठाएंगे.’’

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शिवसेना चीफ ने की थी दानवे की नियुक्ति

पटोले ने कहा, 'हम उनसे बात करने को तैयार हैं. अगर वे (शिवसेना) बात नहीं करना चाहते तो यह उनकी समस्या है. हमने अलग परिस्थितियों में यह गठबंधन किया था. यह कोई हमारे स्वाभाव का या स्थायी गठबंधन नहीं है.' बता दें कि शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने बीते सोमवार को महाराष्ट्र विधान परिषद में नेता विपक्ष के पद के लिए पार्टी के विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) अंबादास दानवे को नामित किया. विधान परिषद के सभापति को लिखे पत्र में ठाकरे ने कहा कि पार्टी के विधान परिषद सदस्यों ने उन्हें नौ जुलाई को एक बैठक में नेता प्रतिपक्ष के पद के लिए एक उम्मीदवार को नामित करने के लिए अधिकृत किया था. दानवे औरंगाबाद जिले के रहने वाले हैं, जहां से शिवसेना के चार बागी विधायक हैं.

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