महाराष्ट्र में आज 264 नगर पंचायतों और म्युनिसिपल काउंसिलों के लिए वोटिंग जारी है, जिसमें मुख्य मुकाबला सत्ताधारी BJP की अगुवाई वाले महायुति गठबंधन और विपक्षी महा विकास अघाड़ी के बीच है. मतदान सुबह से शुरू हो गया है और नतीजे 3 दिसंबर को घोषित किए जाएंगे. यह चुनाव पूरे राज्य में राजनीतिक समीकरणों और गठबंधन की मजबूती के लिए बेहद अहम माने जा रहे हैं, क्योंकि इनसे 2025 की राजनीतिक दिशा पर भी सीधा असर पड़ने की संभावना है.

Continues below advertisement

BJP-शिवसेना के रिश्तों में खींचतान

महाराष्ट्र निकाय चुनाव राजनीतिक टकराव के साथ और भी रोचक हो गए हैं क्योंकि सहयोगी पार्टियों BJP और शिवसेना के बीच तनाव खुलकर सामने आया है. पिछले दो हफ्तों में यह खींचतान सबसे ज्यादा सिंधुदुर्ग के कंकावली चुनाव में देखने को मिली, जहाँ शिवसेना MLA नीलेश राणे अपने ही छोटे भाई और BJP MLA नितेश राणे के खिलाफ चुनाव मैदान में हैं. 

27 नवंबर को किया गया विवाद तब गहरा गया जब नीलेश राणे एक BJP वर्कर के घर में घुसे और वहां मिले कैश को ज़ब्त करने के लिए पुलिस को बुलाया. उनका आरोप था कि यह पैसे वोटर्स में बांटने के लिए रखे गए थे, जिसके बाद दोनों भाइयों के बीच तीखी बहस हुई, और कैंपेन के अंतिम दिन तक विवाद जारी रहा.

Continues below advertisement

सोलापुर में नया विवाद, रेड की टाइमिंग पर सवाल

सोमवार को एक और विवाद तब सामने आया जब सोलापुर के संगोला में इलेक्शन कमीशन की टीम ने शिवसेना लीडर और पूर्व MLA शाहजी पाटिल के घर पर, साथ ही कुछ अन्य स्थानीय शिवसेना नेताओं के ठिकानों पर रेड की. शिवसेना ने इस कार्रवाई की टाइमिंग पर गंभीर सवाल उठाए और आरोप लगाया कि यह रेड दरअसल पाटिल द्वारा सोलापुर के गार्डियन मिनिस्टर और BJP लीडर जयकुमार गोर पर कैंपेन रैली के दौरान लगाए गए आरोपों का ‘पोलिटिकल रिप्राइजल’ है. 

20 चुनाव स्थगित, नॉमिनेशन प्रक्रिया पर सवाल

इस बीच, राज्य चुनाव आयोग ने नॉमिनेशन पेपर की अपील प्रक्रिया में बड़ी गड़बड़ी का हवाला देते हुए महाराष्ट्र के कई जिलों में कम से कम 20 म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन के चुनाव टाल दिए हैं. SEC ने बताया कि नॉमिनेशन रिजेक्शन की जांच में भारी अनियमितताएं पाई गईं, जिसके चलते इन क्षेत्रों में 2 दिसंबर को होने वाला चुनाव अब 20 दिसंबर को कराया जाएगा. 

जिन क्षेत्रों में चुनाव टाले गए हैं उनमें पुणे के बारामती और तलेगांव; अहिल्यानगर के देवलाली, कोपरगांव, नेवासा और पाथर्डी; सतारा के फलटन और महाबलेश्वर; यवतमाल के डिग्रास, पंढरकावड़ा और वानी; चंद्रपुर के घुग्गुस, गडचंदूर और मूल; अकोला के बालापुर; अमरावती के अंजनगांव-सुरजी; धाराशिव जिले का धाराशिव; सोलापुर का मंगलवेढ़ा; ठाणे का बदलापुर और नांदेड़ के मुखेड़ व धर्माबाद शामिल हैं. इन स्थगनों के कारण चुनावी गणित और कैंपेन रणनीतियों में भी बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे, जबकि सभी दल परिणाम से पहले मजबूत उपस्थिति दर्ज कराने की पूरी कोशिश में जुटे हुए हैं.