महाराष्ट्र पिछले कुछ दिनों से महाराष्ट्र के कल्याण-डोंबिवली महानगरपालिका क्षेत्र में बीजेपी और एकनाथ शिंदे गुट के बीच भारी संघर्ष देखने को मिल रहा है. राज्यभर में एक-दूसरे के पार्टी कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को तोड़ने को लेकर बीजेपी और एकनाथ शिंदे की शिवसेना के बीच तनाव बढ़ा हुआ है.

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इसी बीच, अब कल्याण-डोंबिवली महानगरपालिका में शिवसेना–बीजेपी गठबंधन टूटने के स्पष्ट संकेत मिल रहे हैं. बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष रवींद्र चव्हाण ने ऐसे संकेत दिए हैं. वे रविवार को डोंबिवली में एक कार्यक्रम में बोल रहे थे. इस दौरान उन्होंने आगामी KDMC चुनाव में बीजेपी के स्वबल पर लड़ने के संकेत दिए.

गठबंधन तोड़ने के संकेत और कमल के उम्मीदवारों पर जोर

रवींद्र चव्हाण ने सीधे यह नहीं कहा कि बीजेपी एकनाथ शिंदे की शिवसेना से अलग होकर चुनाव लड़ेगी, लेकिन उनकी बातों का लहज़ा बहुत कुछ कह गया. उन्होंने कहा:“हर चुनाव में आप मुझ पर भरोसा करके वोट देते हैं. इस बार बस एक ही अनुरोध है जो उम्मीदवार कमल के निशान पर खड़ा होगा, उसे वोट दें. कामों को सही तरीके से पूरा कराने के लिए कमल के निशान वाले उम्मीदवार को ही चुनें. अगर केंद्र और राज्य की तरह महानगरपालिका में भी बीजेपी की सत्ता आई, तो कई काम आसानी से पूरे होंगे.

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उन्होंने कहा कि हमें 100% एक ही विचार का यानी भारतीय जनता पार्टी का सरकार लाना है.” रवींद्र चव्हाण के इस बयान 'महायुती की बजाय कमल के उम्मीदवारों को चुनें' की राजनीतिक हलकों में काफी चर्चा हो रही है. रविवार को डोंबिवली में रवींद्र चव्हाण के हाथों कई विकास कार्यों का भूमिपूजन किया गया. इस कार्यक्रम में बीजेपी पदाधिकारियों के साथ मनसे के कल्याण ज़िला अध्यक्ष प्रकाश भोईर भी मौजूद थे.

नगरसेवकों पर तंज और जिम्मेदारी का संदेश

रवींद्र चव्हाण ने कहा “नगरसेवक का काम नगरसेवक ने ही करना चाहिए यह भावना हमेशा रही. विकास निधि देना मेरा काम है, लेकिन बाकी काम नगरसेवकों को करना चाहिए. कुछ नगरसेवकों ने ऐसा काम नहीं किया. लेकिन क्या मुश्किलें थीं, यह आपको बताने की ज़रूरत नहीं. आप इतने भोले नहीं हैं.”