Maharashtra News: महाराष्ट्र के मुंबई में हुए मानसून सत्र के दौरान विधानमंडल की लॉबी में हुए हंगामे के मामले में बीजेपी विधायक गोपीचंद पडलकर और राष्ट्रवादी कांग्रेस शरद पवार गुट के विधायक जितेंद्र आव्हाड के कार्यकर्ताओं के बीच जोरदार हंगामा हुआ था. उसके बाद पडलकर के कार्यकर्ता ऋषिकेश टकले और जितेंद्र आव्हाड के कार्यकर्ता नितिन देशमुख पर बड़ी कार्रवाई की गई है. पडलकर और आव्हाड के कार्यकर्ताओं की विधानसभा में हुई धक्का-मुक्की के मामले में विधानसभा में विशेष अधिकार समिति की रिपोर्ट सदन में पेश की गई है. दंडात्मक कार्रवाई के रूप में सर्जेराव टकले और नितिन देशमुख को दो दिन की सिविल कारावास की सिफारिश की गई है.

Continues below advertisement

मामले में दोनों की गवाही दर्ज की गई

ऋषिकेश टकले और नितिन देशमुख के धक्का-मुक्की मामले में बनाई गई समिति ने 10 बैठकें कीं, उस मामले में दोनों की गवाही दर्ज की गई. आपराधिक प्रवृत्ति के आगंतुकों को बिना पास प्रवेश देना सुरक्षा की दृष्टि से उचित नहीं है. इसके लिए नियमावली बनाई जानी चाहिए. विधानभवन प्रवेशिका देते समय आगंतुकों की पृष्ठभूमि की जांच की जानी चाहिए.

Continues below advertisement

दंडात्मक कार्रवाई के रूप में सर्जेराव टकले और नितिन देशमुख को दो दिन की सिविल कारावास की सिफारिश की गई है. उसी तरह दोनों को नागपुर और मुंबई विधानमंडल परिसर में आने से प्रतिबंधित किया जाना चाहिए. प्रवेशिका तकनीकी सलाह के अनुसार प्रणाली बनाई जानी चाहिए, ऐसी मांग इस संबंध में की गई है. 

असल में क्या मामला है?

मुंबई में हुए मानसून सत्र में बीजेपी के गोपीचंद पडलकर और राष्ट्रवादी के जितेंद्र आव्हाड के समर्थक आमने-सामने आ गए थे. लॉबी में हुए इस तूफानी हंगामे में धक्का-मुक्की और शाब्दिक झड़पें होने से माहौल गर्म हो गया था. विधानसभा के कामकाज में इस मामले की गूंज सुनाई दी थी. सत्ताधारी और विपक्ष में इसकी तीखी प्रतिक्रिया हुई थी. इस घटना को गंभीर मानते हुए समिति ने घटनाक्रम का वीडियो, प्रत्यक्षदर्शी सदस्यों के बयान और सुरक्षा रिपोर्ट के आधार पर जांच शुरू की थी.

जांच पूरी होने के बाद अनुशासन भंग समिति ने टकले और नितिन देशमुख को मुख्य रूप से जिम्मेदार ठहराते हुए उन पर कड़ी कार्रवाई की सिफारिश की थी. सिफारिश का अंतिम निर्णय सभापति और अध्यक्ष को सौंपा गया है. विधानमंडल अनुशासन भंग समिति ने इन दोनों पर कड़ी दंडात्मक कार्रवाई की सिफारिश की थी. समिति की ओर से दो दिन की सिविल कारावास की सिफारिश की गई है.