राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत ने इस्लाम पर कहा है कि पहले दिन इस्लाम जब भारत में आया उस दिन से इस्लाम यहां है और रहेगा. उनके बयान का महाराष्ट्र अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष प्यारे खान ने स्वागत किया.
प्यारे खान ने कहा कि बहुत ही उम्दा और बहुत ही अच्छा बयान है. समस्त मुस्लिम समाज में खुशी की लहर है. जब हम पैगंबर मोहम्मद साबह का 1500वां जन्मदिन मनाने जा रहे हैं, उस समय ऐसा बयान आना बड़ी बात है.
आदर्श इस्लाम का किया जिक्र
उन्होंने न्यूज़ एजेंसी एएनआई से बातचीत में कहा, ''ये लोगों के लिए मैसेज है कि हम राष्ट्र के लिए काम कर रहे हैं, जात के लिए काम नहीं कर रहे हैं. बहुत से नेता और संगठन है जो देश की एकता और अखंडता को बर्बाद करना चाहते हैं, उन लोगों के लिए ये बयान एक मैसेज है. उनसे लोगों को सीखना चाहिए. मोहन भागवत ने जो बयान दिया है, बहुत सोच समझकर दिया है.''
प्यारे खान ने कहा, ''आदर्श इस्लाम का मतलब है कि जिस देश में रहते हैं, उस देश के लिए काम करना है. जो देश के लिए काम करेगा वही आदर्श है. हमारे देश में आदर्शवादी मुसलमान काफी हैं.''
मोहन भागवत ने क्या कहा?
दिल्ली में आरएसएस के शताब्दी समारोह के अवसर पर आयोजित प्रश्नोत्तर सत्र में मोहन भागवत ने गुरुवार (28 अगस्त) को कहा कि संघ किसी पर भी, धार्मिक आधार पर भी, हमला करने में विश्वास नहीं रखता है.
आरएसएस प्रमुख ने कहा कि उनका मानना है कि धर्म व्यक्तिगत पसंद का मामला है और इस मामले में किसी भी तरह का प्रलोभन या जोर-जबरदस्ती नहीं होनी चाहिए.
मोहन भागवत ने कहा, ''पहले दिन इस्लाम जब भारत में आया उस दिन से इस्लाम यहां है और रहेगा. ये मैंने पिछली बार भी कहा था. इस्लाम नहीं रहेगा ये सोचने वाला हिन्दू सोच का नहीं है. हिन्दू सोच ऐसी नहीं है. दोनों जगह ये विश्वास बनेगा तब ये संघर्ष खत्म होगा. पहले ये मानना होगा कि हम सब एक हैं.''