महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 के दौरान हडपसर सीट पर हुए मतदान में अनियमितताओं के आरोपों के बीच पुणे जिला निर्वाचन अधिकारी ने वोटों की पुनर्गणना का आदेश दिया है. यह प्रक्रिया 25 जुलाई से 2 अगस्त तक भोसरी में चलेगी. यह फैसला उस समय आया है जब हडपसर सीट से हारने वाले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट) के उम्मीदवार प्रशांत जगताप ने मतगणना में गड़बड़ी और ईवीएम में हेरफेर के आरोप लगाए थे.
नवंबर 2024 में हुए चुनावों में हडपसर विधानसभा सीट पर मुख्य मुकाबला एनसीपी के दो विरोधी गुटों के बीच था. चेतन तुपे (एनसीपी अजित पवार गुट) ने 1,34,810 मतों के साथ जीत दर्ज की थी, जबकि प्रशांत जगताप (एनसीपी शरद पवार गुट) को 1,27,688 वोट मिले थे. हार का अंतर 7,122 वोटों का था. हार के बाद जगताप ने आरोप लगाया कि मतगणना में अनियमितता हुई और वीवीपैट स्लिप्स की सही से गिनती नहीं की गई.
निर्वाचन आयोग पर सवाल, सुप्रीम कोर्ट में चुनौती
जगताप और उनके समर्थकों ने चुनाव आयोग से पुनर्गणना की मांग की थी. इसके जवाब में आयोग ने हडपसर की 27 ईवीएम और वीवीपैट मशीनों की दोबारा जांच की अनुमति तो दी, लेकिन उसके लिए “ट्रायल रन” का निर्देश दिया. यानी वास्तविक मतदान डेटा को हटाकर डमी वोटिंग से पुनर्गणना.
इस फैसले का विरोध करते हुए जगताप ने मामले को सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचाया. उनका तर्क था कि यह पुनर्गणना नहीं बल्कि सिर्फ एक परीक्षण है, जिससे असली गड़बड़ी सामने नहीं आएगी.
कलेक्टर ने दिए पुनर्गणना के आदेश
अब पुणे जिला कलेक्टर, जो चुनाव के समय रिटर्निंग ऑफिसर थे. उन्होंने हडपसर विधानसभा क्षेत्र में डाले गए असली वोटों की पुनर्गणना का आदेश दिया है. यह निर्णय एक महत्वपूर्ण मोड़ माना जा रहा है, जिससे भविष्य में चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता और निष्पक्षता पर बड़ा असर पड़ सकता है.
जगताप ने कहा, “हडपसर में जो धांधली हुई, वह अब देश के सामने आएगी. 8 महीने तक इंतजार किया है, अब सच्चाई बाहर आनी ही चाहिए.” दूसरी ओर चेतन तुपे या सत्तारूढ़ एनसीपी (अजित पवार गुट) की ओर से अब तक कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है.