Maharashtra News: अजित पवार (Ajit Pawar) गुट के नेता और कई सालों तक शरद पवार (Sharad Pawar) के सहयोगी रहे दिलीप वलसे पाटिल ने शरद पवार पर जोरदार हमला बोला है. दिलीप वलसे पाटिल (Dilip Walse Patil) ने रविवार को एक कार्यक्रम में कहा कि, जनता ने बहुमत देकर एक बार भी पवार को मुख्यमंत्री नहीं बनाया है.वहीं इस पाटिल के इस बयान से राजनीतिक क्षेत्र में हलचल मच गई है, क्योंकि वलसे पाटिल भले ही अब अजित पवार के साथ हैं, लेकिन उन्हें पवार का काफी वफादार माना जाता था.


एक समय के निजी सहयोगी से लेकर राज्य के गृह मंत्री तक का पाटिल का सफर भी अक्सर चर्चा में रहा है. वहीं वलसे ने पवार की इस तरह से आलोचना क्यों की, इसकी चर्चा अब शुरू हो गई है. बता दें कि, दिलीप वलसे पाटिल ने तंज कसते हुए कहा कि, हम मानते हैं कि देश में शरद पवार के कद का कोई नेता नहीं है, लेकिन महाराष्ट्र की जनता ने शरद पवार को कभी बहुमत नहीं दिया. शरद पवार कभी भी अपने दम पर मुख्यमंत्री नहीं बन पाए हैं. जबकि, ममता बनर्जी, मायावती अपने दम पर मुख्यमंत्री बनीं. शरद पवार जैसे नेताओं के होते हुए केवल 60 से 70 विधायक ही चुने जाते हैं.


नोटिस मिली तो विधायक पद से इस्तीफा दे दूंगा
पाटिल ने आगे कहा कि, देश के कई राज्यों में क्षेत्रीय पार्टियों पर नजर डालें तो वे आगे बढ़ रही हैं. ममता बनर्जी, मायावती अपने दम पर मुख्यमंत्री बनीं. हमारे पास शरद पवार जैसे नेता हैं, लेकिन शरद पवार के नेतृत्व में हमारे 60 से 70 विधायक ही चुने जाते हैं. वलसे पाटिल ने ईडी की आलोचना का जवाब देते हुए कहा कि, अगर किसी को नोटिस मिल गया तो वह तुरंत विधायक पद से इस्तीफा दे देंगे.


उन्होंने कहा कि  मैंने, अजित पवार और कुछ साथियों ने राज्य सरकार में भागीदारी की. इसका मतलब ये नहीं कि मैं भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गया, हम एनसीपी के साथ हैं. ईडी, सीबीआई आयकर के नोटिस की बात सिर्फ फैलाई जा रही हैं. दिलीप वलसे पाटिल ने चुनौती देते हुए कहा कि, अगर किसी को ऐसा कोई नोटिस मिले तो लेकर आएं, वह तुरंत विधायक पद से इस्तीफा दे देंगे.



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