महाराष्ट्र सरकार के मंत्रिमंडल ने मंगलवार (23 सितंबर) को राज्य स्वास्थ्य बीमा योजनाओं से आरक्षित निधि का इस्तेमाल 9 ऐसी गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी, जिसमें लागत पांच लाख रुपये से अधिक है. यह निर्णय मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिया गया.
मुख्यमंत्री दफ्तर की ओर से जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि विस्तारित महात्मा ज्योतिराव फुले जन आरोग्य योजना और आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत दावा निपटान का 20 प्रतिशत अब राज्य स्वास्थ्य आश्वासन सोसायटी द्वारा प्रबंधित आरक्षित निधि में स्थानांतरित किया जाएगा.
लिवर ट्रांसप्लांट के लिए 22 लाख रुपये देगी सरकार
बयान में कहा गया है कि इस फंड में लिवर, फेफड़े, हृदय और अस्थि मज्जा प्रतिरोपण जैसी महंगी प्रक्रियाएं शामिल होंगी, जो वर्तमान में पांच लाख रुपये की सीमा के अंतर्गत नहीं आती हैं. राज्य सरकार लिवर ट्रांसप्लांट के लिए 22 लाख रुपये तक, फेफड़े या संयुक्त हृदय-फेफड़े प्रतिरोपण के लिए 20 लाख रुपये, हृदय प्रतिरोपण के लिए 15 लाख रुपये, विभिन्न अस्थि मज्जा ट्रांसप्लांट के लिए 9.5 से 17 लाख रुपये देगी.
स्वास्थ्य सचिव की अध्यक्षता में होगी कमेटी गठित
इसके साथ ही ट्रांसकैथेटर महाधमनी वाल्व प्रतिरोपण (टीएवीआई) और ट्रांसकैथेटर महाधमनी वाल्व प्रतिस्थापन (टीएमवीआर) हृदय वाल्व प्रक्रियाओं के लिए 10-10 लाख रुपये तक का खर्च वहन करेगी. मंत्रिमंडल ने इन उपचारों में शामिल सरकारी अस्पतालों के डॉक्टर और कर्मचारियों के प्रोत्साहन भत्तों में संशोधन को भी मंजूरी दी. विज्ञप्ति में कहा गया है कि स्वास्थ्य सचिव की अध्यक्षता में एक विशेष समिति गठित की जाएगी जो सर्जरी दरों, फंड के इस्तेमाल और अस्पतालों को सुदृढ़ बनाने के उपायों की निगरानी करेगी.
महाराष्ट्र कैबिनेट ने और क्या लिए फैसले?
अन्य निर्णयों में मंत्रिमंडल ने 116.15 किलोमीटर लंबी नागपुर-नागभीड़ नैरो-गेज लाइन को ब्रॉड-गेज ट्रैक में परिवर्तित करने के लिए राज्य के हिस्से के रूप में 491.05 करोड़ रुपये मंजूर किए. महाराष्ट्र रेल अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (महारेल) द्वारा क्रियान्वित 2,383 करोड़ रुपये की यह परियोजना लगभग 85 प्रतिशत पूरी हो चुकी है. संशोधित योजना के साथ राज्य का हिस्सा 20 प्रतिशत से बढ़कर 32.37 प्रतिशत हो गया है.
राज्य सरकार को कुल 771.05 करोड़ रुपये की राशि देनी है, जिसमें 280 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है और मंगलवार को मिली मंजूरी से शेष 491.05 करोड़ रुपये का भुगतान हो गया है. बयान में कहा गया है कि इस परियोजना से नागपुर, गोंदिया, चंद्रपुर और गढ़चिरौली जिलों के बीच संपर्क में उल्लेखनीय सुधार होगा, स्थानीय उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा और किसानों को लाभ होगा.
यह नागभीड़ को वडसा-देसाईगंज और आगे गढ़चिरौली और गोंदिया से भी जोड़ेगा. महाराष्ट्र मंत्रिमंडल ने पालघर जिले के अचोले क्षेत्र में वसई-विरार नगर निगम को मल्टी-स्पेशियलिटी अस्पताल स्थापित करने हेतु भूमि आवंटन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है.