Mumbai Dengue Case: 1 से 16 जुलाई के बीच मुंबई शहर में डेंगू के 264 मरीज सामने आए. यह आंकड़ा जून में दर्ज किए गए कुल मामलों (352) का 74% है. नागरिक स्वास्थ्य विभाग द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, 264 में से 173 मामले 9 से 16 जुलाई के बीच सामने आए, जबकि शेष 91 जुलाई के पहले आठ दिनों में सामने आए. इसके अलावा एक पखवाड़े में मलेरिया, लेप्टोस्पायरोसिस, हेपेटाइटिस और स्वाइन फ्लू के मरीजों की संख्या में भी काफी वृद्धि हुई है.


महाराष्ट्र में डेंगू और मलेरिया का खतरा
राज्य स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पूरे महाराष्ट्र में जल-जनित और वेक्टर-जनित बीमारियां बढ़ रही हैं और पूर्व-कोविड स्तर तक पहुंच गई हैं. उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाएं हैं जहां मरीज डेंगू और मलेरिया दोनों से संक्रमित हुए हैं. डेंगू के बढ़ने मामलों को देखते हुए नागरिक स्वास्थ्य विभाग के एक डॉक्टर ने कहा, “अस्पताल में भर्ती होने की दर अभी भी कम है. वर्तमान में चिकित्सक अपने बाह्य रोगी विभागों (Outpatient Departments) में प्रतिदिन डेंगू जैसी बीमारियों के 10-20 मामलों का इलाज कर रहे हैं.


चिकनगुनिया के भी बढ़ रहे मामले
चिकनगुनिया के बढ़ते मामलों पर एक वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा कि मानसून अपने साथ मलेरिया, डेंगू और लेप्टोस्पायरोसिस जैसे संक्रामक बुखार के अलावा अन्य जल-जनित संक्रमणों की बाढ़ लाता है. ये सभी संक्रमण बुखार, शरीर में दर्द, मायलगिया, पीलिया, जोड़ों के दर्द, दस्त आदि के साथ मौजूद होते हैं. उन्होंने कहा, “हालांकि अधिकांश रोगियों को हल्की बीमारी होती है और वे ठीक हो जाते हैं.


बचने के लिए क्या करें?
डॉ. अरोड़ा ने कहा, मानसून के दौरान स्ट्रीट फूड से सख्ती से बचना चाहिए, “मौसम की स्थिति में बदलाव और ऐसे खाने की आदतों के कारण अधिक लोग दस्त, मतली और उल्टी जैसे लक्षणों का सामना करते हैं और उन्हें अस्पताल जाना पड़ता है. ये गैस्ट्रोएंटेराइटिस का संकेत भी देता है. घर का बना भोजन और उबला हुआ पीने का पानी ऐसे संक्रमणों के खिलाफ सबसे अच्छा सुरक्षा उपाय है.


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