महाराष्ट्र में महानगर पालिका चुनावों के लिए नामांकन भरने की समयसीमा आज (30 दिसंबर) को खत्म हो गई. इस बीच मुंबई में सियासी हलचल देखने को मिली. राज ठाकरे ने अपने भाई उद्धव ठाकरे से उनके मातोश्री आवास पर मुलाकात की. दोनों ही भाई मिलकर मुंबई नगर निगम (BMC) का चुनाव लड़ रहे हैं. बीएमसी चुनावों के लिए उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे ने शरद पवार की पार्टी से हाथ मिलाया है. यहां ठाकरे ब्रदर्स की कांग्रेस से बात नहीं बनी. अभी तक सीटों को लेकर तस्वीर साफ नहीं हुई है. लेकिन सूत्रों ने बताया कि उद्धव ठाकरे की पार्टी मुंबई में 150 से ज्यादा सीटों पर लड़ेगी. वहीं ठाकरे बंधुओं ने शरद पवार की पार्टी को 11 सीटें दी हैं और बाकी बची हुई सीटें राज ठाकरे के खाते में गई है.

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1997 से शिवसेना (अविभाजित) का रहा है दबदबा

मुंबई का चुनाव उद्धव ठाकरे की साख का सवाल है. इसलिए उन्होंने अपने भाई राज ठाकरे के साथ प्री-पोल अलायंस किया. मुंबई महानगर पालिका देश की सबसे अमीर नगर निकाय है जिसका बजट करीब 75 हजार करोड़ है. यहां साल 1997 से 2022 तक अविभाजित शिवसेना का दबदबा रहा है. साल 2017 में हुए बीएमसी चुनाव में अविभाजित शिवसेना 84 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी.

2017 में BJP दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनी थी

2017 के बीएमसी चुनाव में बीजेपी दूसरे नंबर पर रही थी. बीजेपी को 82 सीटें मिली थीं. अविभाजित एनसीपी को 13 सीटें मिली थीं तो वहीं राज ठाकरे के खातें में 7 सीटें गई थीं. मुंबई महानगर पालिका में कुल 227 वार्ड हैं. 

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महाराष्ट्र में 29 महानगर पालिका हैं. सभी नगरपालिका के लिए 15 जनवरी को वोट डाले जाएंगे और वोटों की गिनती अगले दिन 16 जनवरी को होगी. महायुति में बीजेपी 130 सीटों पर तो वहीं एकनाथ शिंदे की पार्टी 97 सीटों पर लड़ रही है. बीएमसी चुनाव में अजित पवार के साथ बीजेपी और शिवसेना ने गठबंधन नहीं किया है. महाराष्ट्र की सरकार में ये तीनों ही दल शामिल हैं.