Maharashtra Assembly Election 2024: महाराष्ट्र में ठाणे शहर का कोपरी-पचपखड़ी विधानसभा क्षेत्र मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का गढ़ माना जाता है, लेकिन इस बार के चुनाव में इस क्षेत्र में दिलचस्प मुकाबला होने की उम्मीद है. यहां प्रतिद्वंद्वी शिवसेना (यूबीटी) ने उनके (एकनाथ शिंदे) पूर्व राजनीतिक गुरु के भतीजे को चुनाव मैदान में उतारा है.
सीएम एकनाथ शिंदे का लक्ष्य इस क्षेत्र से लगातार पांचवीं बार विधानसभा चुनाव जीतना है. वह पहली बार 2004 में ठाणे शहर के विधायक बने थे और कोपरी-पचपखड़ी के अलग होने के बाद उन्होंने 2009, 2014 और 2019 में नए निर्वाचन क्षेत्र से जीत हासिल की.
उद्धव गुट ने आनंद दिघे को उताराउद्धव ठाकरे की पार्टी शिवसेना (यूबीटी) के ठाणे जिला प्रमुख केदार दिघे कभी विधायक नहीं रहे, लेकिन उनका उपनाम लोगों को आकर्षित कर सकता है. उनके चाचा दिवंगत आनंद दिघे ठाणे क्षेत्र में शिवसेना के निर्विवाद कद्दावर नेता और शिंदे के राजनीतिक गुरु थे. शिंदे ने हमेशा इस बात पर जोर दिया है कि वह आनंद दिघे की विरासत को आगे बढ़ाएंगे.
ठाणे में शिवसेना ने बनाई थी पैठपड़ोसी मुंबई के साथ ठाणे शहर ही वह स्थान था जहां बाल ठाकरे द्वारा बनाई गई पार्टी शिवसेना ने पहली बार अपनी मजबूत पैठ बनाई थी.कोपरी-पचपखड़ी उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना के लिए भी एक महत्वपूर्ण सीट होगी, क्योंकि उसने लगातार शिंदे पर निशाना साधा है और उन्हें 'गद्दार' करार दिया है. शिंदे ने उद्धव ठाकरे के खिलाफ बगावत की थी और जून, 2022 में शिवसेना को विभाजित किया था.
लोकसभा में शिंदे गुट का दिखा दमवहीं लोकसभा चुनाव में शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के नरेश म्हस्के ने ठाणे संसदीय क्षेत्र में शिवसेना (यूबीटी) के मौजूदा सांसद राजन विचारे को हराया था. कोपरी-पचपखड़ी क्षेत्र में म्हस्के को 44,875 वोटों की बढ़त हासिल थी, जिससे शिंदे का दबदबा स्पष्ट हो गया था. विधानसभा क्षेत्र में 3.38 लाख पंजीकृत मतदाता हैं जिनमें 1.58 लाख महिलाएं शामिल हैं.
ये हैं प्रमुख मुद्देइस क्षेत्र के प्रमुख मुद्दों में पुरानी इमारतों का पुनर्विकास, वाहनों की भीड़भाड़ और अपर्याप्त सार्वजनिक परिवहन सुविधाएं हैं. इस निर्वाचन क्षेत्र में शिंदे की जीत का अंतर लगातार चुनावों में बढ़ता गया. लेकिन बाल ठाकरे के बेटे के खिलाफ बगावत करने के बाद वह पहली बार मतदाताओं का सामना कर रहे हैं. महा विकास अघाड़ी में शिवसेना (यूबीटी) के सहयोगी दल कांग्रेस और एनसीपी (एसपी) का यहां कोई आधार नहीं बचा है. वर्ष 2019 में कांग्रेस उम्मीदवार ने इस सीट पर 24,197 वोट हासिल किये थे.
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