Praful Patel on Shiv Sena: शिवसेना (यूबीटी) नेता उद्धव ठाकरे गुट को बड़ा झटका देते हुए, महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने 10 जनवरी को फैसला सुनाया कि 21 जून, 2022 को प्रतिद्वंद्वी गुट उभरने पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का गुट ही 'असली शिवसेना' था. राहुल नार्वेकर के फैसले से एक तरफ जहां उद्धव गुट को झटका लगा है वहीं दूसरी तरफ शिंदे खेमे में खुशी की लहर है. अब इस मामले पर प्रफुल्ल पटेल का भी बयान सामने आगया है.

क्या बोले प्रफुल्ल पटेल?अजित पवार गुट के एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल ने कहा, स्पीकर संवैधानिक अथॉरिटी है. जुडिशल अथॉरिटी है. ये बात तो हम सभी मानते हैं. इस देश में सुप्रीम कोर्ट ने भी क्या कहा कि फैसला स्पीकर को लेना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने फैसला लेने का नहीं तय किया था. क्योंकि स्पीकर संवैधानिक अथॉरिटी है. और संवैधानिक अथॉरिटी के दायरे में कोई भी हस्तक्षेप नहीं करेगा. सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा था कि विलंब हो रहा है. बहुत दिन हो गए इसलिए आप इसके बारे में जरा जल्दी फैसला लीजिये. इसमें अगर आज फैसला हुआ है तो किसी को भी उसमें दर्द होने का, दुख होने का या अपनी गलत टिका टिप्पणी करने का अधिकार नहीं है.

2002 में हुई थी शिवसेना में बगावतजून 2022 में, शिंदे और कई अन्य विधायकों ने तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ विद्रोह कर दिया था, जिससे शिवसेना में विभाजन हो गया, जिसकी स्थापना दिवंगत बाल ठाकरे ने की थी. इससे सत्तारूढ़ गठबंधन, महा विकास अघाड़ी की सत्ता भी गिर गई, जिसमें शिवसेना के अलावा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और कांग्रेस भी शामिल थी. शिंदे गुट के 16 विधायकों को अयोग्य ठहराने के ठाकरे गुट के अनुरोध को खारिज करते हुए स्पीकर ने कहा कि उन्हें अयोग्य ठहराने का कोई वैध आधार नहीं है.

उन्होंने कहा कि कोई भी पार्टी नेतृत्व पार्टी के भीतर असहमति या अनुशासनहीनता के लिए 10वीं अनुसूची के प्रावधान का उपयोग नहीं कर सकता है. उन्होंने ठाकरे गुट के 14 विधायकों की अयोग्यता को भी खारिज कर दिया, क्योंकि उन पर व्हिप का भौतिक रूप से पालन नहीं किया गया था. दरअसल, स्पीकर ने विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग वाली सभी याचिकाओं को खारिज करते हुए कहा, ''किसी भी विधायक को अयोग्य नहीं ठहराया जा रहा है.''

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