राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-शरदचंद्र पवार (NCP-SP) की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख पद से जयंत पाटील के इस्तीफा देने की अफवाहों के बीच राज्य के मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता गिरीश महाजन ने बड़ा दावा कर दिया है. रविवार (13 जुलाई) को उन्होंने कहा कि जयंत पाटील अपनी पार्टी में स्पष्ट रूप से नाखुश हैं और वह उनसे नियमित रूप से संपर्क में हैं.

गिरीश महाजन ने यह भी कहा कि पाटील ने एनसीपी(एसपी) से संभावित इस्तीफे को लेकर उनसे कभी चर्चा नहीं की. गिरीश महाजन ने कहा, ‘‘देखते हैं कि क्या कुछ होता है.’’

इस्तीफे पर कोई चर्चा नहीं हुईमंत्री गिरीश महाजन ने कहा कि उन्होंने और जयंत पाटील ने एनसीपी(एसपी) से उनके (जयंत पाटील के) संभावित इस्तीफे पर कभी चर्चा नहीं की. गिरीश महाजन ने कहा कि पाटील ने उनसे अपने इस्तीफे के बारे में कभी बात नहीं की. 

जामनेर विधायक ने कहा, ‘‘जयंत पाटील एक वरिष्ठ नेता हैं. अगर उन्हें कुछ कहना है, तो वह मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से बात करेंगे.’’

'शरद पवार गुट से नाखुश हैं जयंत पाटील'उन्होंने आगे कहा, ‘‘ऐसी खबरें हैं कि जयंत पाटील ने राकांपा (एसपी) के प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है. मुझे नहीं लगता कि वह पार्टी में बहुत खुश हैं. देखते हैं क्या बदलाव होते हैं. वह नियमित रूप से मुझसे संपर्क में हैं, लेकिन हमने इस मुद्दे पर कभी बात नहीं की.’’

शशिकांत शिंदे के नया प्रदेश अध्यक्ष बनने की चर्चाराजनीतिक गलियारों में इस बात की चर्चा है कि जयंत पाटील ने शरद गुट के प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है और पार्षद (MLC) शशिकांत शिंदे उनकी जगह लेंगे. हालांकि, एनसीपी एसपी ने पाटील के कथित इस्तीफे की खबरों को शरारतपूर्ण बताते हुए खारिज कर दिया था.

अध्यक्ष पद छोड़ने को लेकर जयंत पाटील ने क्या कहा था?राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के 26वें स्थापना दिवस पर 10 जून को एनसीपी (एसपी) कार्यकर्ताओं और नेताओं को संबोधित करते हुए जयंत पाटिल ने शरद पवार की मौजूदगी में अध्यक्ष पद छोड़ने और नए चेहरे को मौका दिए जाने का संकेत दिया था.

'परिवार की राजनीति करते हैं शरद पवार'गिरीश महाजन ने दावा किया कि शरद पवार की राजनीति उनके परिवार से आगे नहीं बढ़ पाती. वह उनकी राजनीति बेटी, भतीजे, दामाद आदि के इर्द-गिर्द ही घूमती है. ऐसे में वरिष्ठ और प्रतिबद्ध कार्यकर्ता ऐसी पार्टियों को छोड़ सकते हैं. इसी के साथ उन्होंने यह भी दावा किया कि कांग्रेस में भी ऐसा ही देखने को मिल रहा है.