केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह के मुंबई दौरे के दौरान दिए गए एक बयान ने महाराष्ट्र की राजनीति में नई हलचल मचा दी है. IIT बॉम्बे के एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि अच्छा हुआ IIT बॉम्बे को IIT मुंबई नहीं किया गया. यहीं से बॉम्बे बनाम मुंबई का पुराना मुद्दा फिर से गरम हो गया.

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मुंबई का नाम पहले बॉम्बे था, जिसे शिवसेना सरकार ने बदलकर मुंबई कर दिया था. इस नाम को लेकर कई बार राजनीति तेज हुई है, और चुनावी मौसम में यह बयान विपक्ष के लिए नया हथियार बन गया है.

ये केंद्र सरकार की सोच- राज ठाकरे

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) प्रमुख राज ठाकरे ने इस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि जितेंद्र सिंह का यह बयान सिर्फ उनका निजी विचार नहीं, बल्कि केंद्र सरकार की सोच को दिखाता है.राज ठाकरे ने कहा कि अच्छा हुआ नाम IIT बॉम्बे ही रखा यह कहकर वे क्या बताना चाहते हैं? कई सालों से कुछ लोग मुंबई को महाराष्ट्र से अलग करना चाहते थे, लेकिन मराठी लोगों ने वो साजिश नाकाम कर दी. आज उसी सोच की बदबू फिर बाहर आ रही है.

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जितेंद्र सिंह का मुंबई से कोई लेना-देना नहीं- राज ठाकरे

राज ने मंत्री पर हमला बोलते हुए कहा कि जितेंद्र सिंह न महाराष्ट्र से हैं, न मुंबई से, और न ही गुजरात से. वह जम्मू से आते हैं, लेकिन टॉप लीडरशिप का दिल जीतने के लिए ऐसी बातें करते हैं. मुंबई का इतिहास, मराठी लोगों की भावनाएं इनसे इनका कोई रिश्ता नहीं है.

राज ठाकरे ने मराठी समुदाय को आगाह करते हुए कहा कि यह सिर्फ नाम की बहस नहीं है, बल्कि शहर पर कब्ज़ा करने की मानसिकता है. उन्होंने कहा, “उन्हें ‘मुंबई’ नाम से परेशानी है, क्योंकि यह मुंबई देवी के नाम पर है. वह देवी हमारी मां है और मराठी लोग उसकी औलाद हैं. उन्हें इस शहर की आत्मा से दिक्कत है. धीरे-धीरे ये लोग मुंबई और MMR इलाके पर कब्ज़ा करना चाहते हैं.

राज ने केंद्र की हालिया चंडीगढ़ वाली खींचतान पर कहा कि केंद्र सरकार ने चंडीगढ़ को पंजाब से अलग करने की कोशिश की थी, लेकिन सभी पार्टियों के विरोध से रुक गई. वह वापसी टेम्पररी थी. मुंबई के मामले में भी कुछ ऐसा 100% चल रहा होगा.

उन्होंने दावा किया कि कुछ शक्तियाँ मुंबई को गुजरात से जोड़ने की कोशिश कर रही हैं और उद्योग जगत के बड़े लोग यहां लगातार जमीन व प्रोजेक्ट पर कब्ज़ा बढ़ा रहे हैं.

राज ठाकरे ने कहा कि यह बयान आने वाले बड़े कदमों का संकेत हो सकता है. उन्होंने कहा कि मराठी लोगों को समझना होगा कि मुंबई सिर्फ एक शहर नहीं, हमारी पहचान है. इसे बॉम्बे बनाने की सोच के खिलाफ हमें खड़ा होना होगा.