Hairfall in Maharashtra: महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले में अचानक बाल झड़ने (एक्यूट एलोपेशिया टोटलिस) के मामले सामने आए हैं. इसकी वजह सरकारी राशन दुकानों से मिलने वाले गेहूं में अत्यधिक सेलेनियम (High Selenium) की मात्रा बताई जा रही है. पद्मश्री सम्मानित विशेषज्ञ डॉ. हिमतराव बावस्कर की रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है.

दिसंबर 2024 से जनवरी 2025 के बीच 18 गांवों के 279 लोग इस समस्या से प्रभावित हुए. इस घटना के राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा में आने के बाद प्रशासन ने जांच के आदेश दिए थे.  

इस बीमारी का असर खासतौर पर कॉलेज छात्राओं और युवा लड़कियों पर पड़ा, जिनकी पढ़ाई और तय हुई शादियां इस कारण प्रभावित हुईं. सामाजिक दबाव के कारण कई लड़कियों ने पूरा सिर मुंडवा लिया ताकि बाल झड़ने की शर्मिंदगी से बचा जा सके.

सेलेनियम की मात्रा 600 गुना अधिकडॉ. बावस्कर ने बताया, "पीड़ितों में सिरदर्द, बुखार, सिर में खुजली, झुनझुनी, उल्टी और दस्त जैसे लक्षण देखे गए. हमारी जांच में सामने आया कि पंजाब और हरियाणा से आया गेहूं स्थानीय गेहूं की तुलना में 600 गुना अधिक सेलेनियम से भरपूर था."

उन्होंने कहा कि इस अधिक सेलेनियम की वजह से तीन-चार दिनों के अंदर प्रभावित लोगों के सभी बाल झड़ गए. रक्त, मूत्र और बालों की जांच में भी सेलेनियम की असामान्य रूप से अधिक मात्रा पाई गई. जांच में पाया गया कि सेलेनियम की मात्रा रक्त में 35 गुना, मूत्र में 60 गुना और बालों में 150 गुना अधिक.

इसके अलावा, प्रभावित लोगों में जिंक की कमी भी देखी गई, जो सेलेनियम की अधिकता से शरीर में पोषण असंतुलन का संकेत देता है.

राशन की गुणवत्ता पर उठे सवालरिपोर्ट में कहा गया कि बुलढाणा का क्षेत्र नमकीन, क्षारीय मिट्टी और बार-बार पड़ने वाले सूखे के कारण पहले से ही कृषि संकट से जूझ रहा है. यहां के लोग सरकारी राशन पर निर्भर हैं, लेकिन इसकी गुणवत्ता की जांच सही से नहीं हो रही.

डॉ. बावस्कर ने सुझाव दिया कि सरकारी राशन की सख्त निगरानी और गुणवत्ता नियंत्रण की जरूरत है, ताकि इस तरह की स्वास्थ्य समस्याओं को रोका जा सके. सरकार ने सेलेनियम युक्त गेहूं के सेवन पर रोक लगाने की सलाह दी, जिसके बाद कुछ प्रभावित लोगों ने 5-6 हफ्तों में आंशिक रूप से बालों के वापस उगने की सूचना दी.

क्या है सेलेनियम?सेलेनियम एक खनिज है, जो मिट्टी, पानी और कुछ खाद्य पदार्थों में स्वाभाविक रूप से पाया जाता है. यह शरीर में मेटाबॉलिज्म को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, लेकिन इसकी अधिक मात्रा स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकती है. 

ये भी पढ़ें: अजित पवार के मंत्री पर चाचा शरद पवार का बड़ा हमला, कहा- 'आत्मसम्मान वाला कोई होता तो...'