सशस्त्र माओवाद के खिलाफ महाराष्ट्र के गढ़चिरौली पुलिस और महाराष्ट्र सरकार को एक बड़ी सफलता प्राप्त हुई है, माओवादियों के केंद्रीय कमेटी के साथ-साथ पोलित ब्यूरो मेंबर और अत्यंत वरिष्ठ नक्सली कमांडर मल्लोजुला वेणुगोपाल राव उर्फ सोनू उर्फ भूपति ने उसके 60 माओवादी साथियों के साथ कल देर रात गढ़चिरौली पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया.

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आत्मसमर्पण की जगह

गढ़चिरौली जिले के दक्षिणी हिस्से में घने जंगलों में एक गुप्त जगह पर यह आत्मसमर्पण होने की जानकारी है. सोनू उर्फ भूपति के साथ 10 DVCM दर्जे के कमांडर ने भी आत्मसमर्पण किया है. 21 मई को माओवादियों के जनरल सेक्रेटरी नंबाला केशव राव उर्फ बसवराजू के एनकाउंटर के बाद माओवादियों की दंडकारण्य ने इलाके में कमर टूटने लगी थी.

भूपति का शांति प्रस्ताव

पिछले कुछ दिनों में सोनू उर्फ भूपति ने लगातार प्रेस नोट जारी कर सशस्त्र माओवाद छोड़ने की और सरकार से शांति वार्ता करने का प्रस्ताव दिया था.

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इसके बाद माओवादियों के गढ़चिरौली डिवीजन, उत्तर बस्तर डिवीजन और माड़ डिवीजन के कुछ माओवादी कमांडर्स ने भी भूपति के प्रस्ताव का समर्थन किया था.

आत्मसमर्पण की संभावना

उसके बाद से ही संभावना जताई जा रही थी कि भूपति जल्दी ही अपने साथियों के साथ आत्मसमर्पण करेगा. कल देर रात सोनू उर्फ भूपति ने अपने साथ माओवादी साथियों के साथ महाराष्ट्र पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है.

आगे का असर

सदस्य मल्लौजुला वेणुगोपाल राव उर्फ ​​सोनू ने 60 नक्सली कार्यकर्ताओं के साथ आज (14 अक्टूबर) महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में अधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया. यह घटनाक्रम माओवादी संगठन के लिए बड़ा झटका है और पुलिस और राज्य सरकार के लगातार अभियानों के बाद संभव हो पाया. सितंबर में सोनू ने पहले ही हथियार डालने का इरादा जाहिर किया था और कई माओवादी कमांडरों ने उसका समर्थन किया.

इस कदम से गढ़चिरौली और आसपास के क्षेत्रों में माओवादी गतिविधियों पर असर पड़ेगा. पुलिस और सरकार ने इसे बड़ी सफलता बताया है और उम्मीद जताई है कि इससे इलाके में शांति और विकास को बढ़ावा मिलेगा.