Maharashtra News: महाराष्ट्र के दक्षिणी गढ़चिरौली जिले में मूसलाधार बारिश का कहर एक बार फिर देखने को मिला है. अल्लापल्ली को सिरोंचा से जोड़ने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 353C बंद हो गया है. पहली ही बारिश में वैकल्पिक मार्ग पर अनुबंध दर से बना पुल बह गया, जिससे लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा. कई घंटों तक यातायात पूरी तरह से ठप रहा.

अब अंदाजा लगाया जा सकता है कि यदि बारिश यूं ही जारी रही, तो आने वाले दिनों में जिले की स्थिति क्या होगी. हर साल मानसून के दौरान यह इलाका बाढ़ की चपेट में आता है. गांवों का संपर्क टूट जाता है. लोगों तक न अनाज पहुंचता है, न पीने का पानी और न ही स्वास्थ्य सेवाएं.

सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि सोमवार को ही जिले के सह-पालक मंत्री आशीष जायसवाल जिला दौरे पर थे. वे नए शिक्षण सत्र के शुभारंभ पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए और पूरे दिन जिले के विकास कार्यों की समीक्षा में व्यस्त रहे.

इतना बड़ा हादसा, एक पुल का बह जाना और प्रशासन के किसी भी अधिकारी को इसकी भनक तक नहीं लगी. यह दर्शाता है कि योजनाएं केवल कागजों पर बनती हैं, लेकिन जमीन पर न बारिश की कोई तैयारी होती है और न ही सूचना तंत्र सक्रिय नजर आता है.

उठ रहे ये सवाल• हर साल बारिश से पहले आपदा प्रबंधन की समीक्षा क्यों नहीं होती?• वैकल्पिक मार्गों की गुणवत्ता की जांच किसने की?• क्या यह सिर्फ ठेकेदारों की लापरवाही है या अधिकारियों की चुप्पी भी उतनी ही जिम्मेदार है?

जब तक इन सवालों के जवाब नहीं मिलते, तब तक हर साल गढ़चिरौली के ग्रामीणों को बारिश में संपर्क कटाव, भुखमरी और संकट झेलना ही पड़ेगा.