जातीय जनगणना पर महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा कि शिवसेना केंद्र सरकार के इस फैसले का पूरा समर्थन करती है. पहले की सरकारों पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि वो इतने सालों तक सत्ता में थे क्यों नहीं किया? लोग तो कितने सालों से इसकी मांग करते आ रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि पहले की सरकारों ने वोट बैंक की राजनीति की. उन लोगों ने सिर्फ घोषणी की लेकिन कुछ किया नहीं.
देश को सामाजिक न्याय की सौगात- डिप्टी सीएम
डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने बुधवार को जाति आधारित जनगणना करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया. यह खबर महाराष्ट्र दिवस की पूर्व संध्या पर सामने आई. एक तरह से देखा जाए तो यह मोदी सरकार की ओर से देश को सामाजिक न्याय की सौगात ही कही जा सकती है."
'कांग्रेस की हालत- अब सह भी नहीं सकते, कह भी नहीं सकते'
इसके आगे उन्होंने कहा, "संविधान बचाओ की ऊटपटांग बातें करने वाली कांग्रेस की हालत अब सह भी नहीं सकते, और कह भी नहीं सकते जैसी हो गई है. जाति आधारित जनगणना की केवल दिखावटी मांग करने वाले इस दल ने अपनी सरकार में कभी इस पर कोई ठोस निर्णय नहीं लिया. बल्कि अपनी वोटबैंक की राजनीति के चलते ऐसी जनगणना को कभी होने ही नहीं दिया."
'संविधान बचाओ के नारे लगाना आसान है लेकिन...'
उपमुख्यमंत्री ने कहा, "हाथ में खाली लाल डायरी लेकर संविधान बचाओ के नारे लगाना आसान है. लेकिन कठोर निर्णय लेना हर किसी के बस की बात नहीं. मोदी जी ने कभी भी ऐसे निर्णय लेने से पीछे हटने का काम नहीं किया है. यह उसका ताजा प्रमाण है. परमपूज्य महामानव डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर के सपनों का भारत अब भविष्य में आकार लेता दिखाई देगा."
‘दूध का दूध, पानी का पानी होगा'
इसके साथ ही उन्होंने कहा, "जाति आधारित जनगणना से ‘दूध का दूध, पानी का पानी’ होगा. यह स्पष्ट हो जाएगा कि इस देश की बुनियाद किन धागों से बुनी गई है. ऐसे निर्णय लेने के लिए साहस चाहिए होता है. पीएम मोदी ने चुनाव और वोट आदि की परवाह किए बिना सामाजिक न्याय के लिए लगातार साहसी कदम उठाए हैं. अनुच्छेद 370, नारी शक्ति वंदन, वक्फ बोर्ड सुधार कानून के बाद अब जातिगत जनगणना का निर्णय लिया गया है. शिवसेना की ओर से हम मोदी सरकार का हृदय से अभिनंदन करते हैं, उनका आभार व्यक्त करते हैं और इस निर्णय का पूर्ण समर्थन करते हैं."