Eknath Shinde on Farooq Abdullah Statement: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा है कि "भारत में रहकर पाकिस्तान की भाषा बोलने वालों पर देशद्रोह का आरोप लगाकर जेल भेजा जाना चाहिए." सीएम शिंदे ने विपक्षी नेताओं विजय वडेट्टीवार (Vijay Wadettiwar) और फारूक अब्दुल्ला के बयानों को लेकर निशाना साधा है.


सीएम शिंदे ने कहा, "ये लोग पाकिस्तान की भाषा बोल रहे हैं. क्या यह देश के खिलाफ देशद्रोह नहीं है? वे पीएम मोदी के नेतृत्व में पूरे देश में फैली देशभक्ति की लहर को बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं. यह कांग्रेस के हाथ, पाकिस्तान के साथ जैसा है." सीएम शिंदे ने महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार पर राज्य और केंद्र में अपने लंबे कार्यकाल के दौरान राज्य के लिए कुछ नहीं करने का भी आरोप लगाया.


सीएम शिंदे ने आगे कहा, "वे पाकिस्तान के पक्ष में और उनकी भाषा में बोल रहे हैं. यह उनका दुर्भाग्य ही है. लेकिन हम अपने देश के खिलाफ बोलने वालों को नहीं छोड़ेंगे. इन लोगों पर देशद्रोह का आरोप लगाकर जेल जाना चाहिए. ये लोग भारत में रहते हैं और पाकिस्तान की तारीफ करते हैं."


शिंदे ने फारूक अब्दुल्ला के बयान पर भी जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा, "अगर फारूक अब्दुल्ला पूछते हैं कि पाकिस्तान ने चूड़ियां पहन रखी हैं, तो ये लोग कौन हैं? क्या वे पाकिस्तानी हैं या हिंदुस्तानी? क्या वे देशद्रोही हैं या हमारे अपने नागरिक हैं? ऐसे लोगों पर देशद्रोह का आरोप लगाकर उन्हें जेल में डाल देना चाहिए. इसी तरह, शहीद हेमंत करकरे की मौत पर सवाल उठाना किस तरह की देशभक्ति है? यह कहना कि कसाब की गोली उसे नहीं लगी, वही बात है जो पाकिस्तान कहता रहा है. पाकिस्तान भी कह रहा था कि कसाब उनका आदमी नहीं था, लेकिन अंत में उन्हें यह स्वीकार करना पड़ा कि वह पाकिस्तानी नागरिक था."


कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार का बयान
महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता वडेट्टीवार ने हाल ही में दावा किया था कि "26/11 के आतंकी हमले के दौरान महाराष्ट्र आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) के प्रमुख रहे करकरे की मौत कसाब की गोली से नहीं बल्कि आरएसएस से जुड़े एक पुलिसकर्मी की गोली से हुई थी." कांग्रेस नेता ने यह बयान बीजेपी के मुंबई उत्तर मध्य से उम्मीदवार उज्ज्वल निकम पर हमला करते हुए दिया था जो 26/11 के मुकदमे में विशेष सरकारी वकील थे.


फारूक अब्दुल्ला का बयान
दूसरी ओर, एनसी अध्यक्ष अब्दुल्ला ने कहा था कि "भारत और पाकिस्तान के बीच मुद्दों को सुलझाने का एकमात्र तरीका बातचीत है क्योंकि किसी भी टकराव का जम्मू-कश्मीर के लोगों पर गंभीर असर होगा. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) को वापस लेने के हालिया बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने रविवार को कहा कि उन्हें कोई नहीं रोकेगा. रक्षा मंत्री को यह करने दीजिए. उन्हें कौन रोकने वाला है? वैसे भी, वे हमसे नहीं पूछेंगे. लेकिन उन्हें याद रखना चाहिए कि उन्होंने (पाकिस्तान) चूड़ियां नहीं पहनी हैं, उनके पास भी परमाणु बम है."


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