Maharashtra News: महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे की सरकार ने पुरानी पेंशन योजना यानी ओपीएस को मंजूरी दे दी है. वैसे राज्य कर्मचारी जिनकी नौकरी साल 2005 के बाद हुई है, वो इस विकल्प को चुन सकते हैं. दरअसल, कुछ दिनों पहले पुरानी पेंशन योजना की बहाली की मांग के साथ सरकारी और अर्ध सरकारी कर्मचारी हड़ताल पर चले गए थे. अब सरकार ने ये फैसला ले लिया है. दरअसल, इस साल राज्य में विधानसभा चुनाव होने हैं. लोकसभा चुनाव के भी कुछ ही दिन बाकी रह गए हैं. ऐसे में राज्य सरकार किसी तरह की नाराजगी से दूर रहना चाहती है. 


न्यूज़ एजेंसी पीटीआई से बातचीत करते हुए  महाराष्ट्र स्टेट एम्प्लाइज कॉन्फ़ेडरेशन के जनरल सेक्रेटरी विश्वास काटकर ने कहा कि सरकार के इस फैसले से राज्य के करीब 26000 कर्मचारियों को लाभ मिलेगा, जिनकी नौकरी साल 2005 के बाद लगी लेकिन ज्वाइनिंग लेटर बाद में मिला. ये फायदा सिर्फ इन्हीं कर्मचारियों को होगा. लगभग 9.5 लाख राज्य कर्मचारी हैं जो नवंबर 2005 से पहले सेवा में शामिल हुए थे और वे पहले से ही ओपीएस का लाभ उठा रहे हैं. ओपीएस के तहत, एक सरकारी कर्मचारी को उसके अंतिम वेतन के 50 फीसदी के बराबर मासिक पेंशन मिलता है. बता दें कि साल 2005 में पुरानी पेंशन योजना को बंद कर दिया गया था. 


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राज्य की कैबिनेट ने ऐसे 26000 कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना और नई पेंशन योजना में छह महीने के भीतर विकल्प चुनने के लिए कहा है. इसके लिए उन्हें संबंधित विभाग में अगले दो महीनों में डॉक्यूमेंट जमा करने होंगे. ये कर्मचारियों के लिए वन टाइम ऑप्शन होगा. यानी एक बार विकल्प चुन लेने के बाद वो इसे बदल नहीं सकेंगे.


ट्रांस हर्बल लिंक रोड पर लगेगा 250 रुपये का टोल टैक्स


मुंबई से नवी मुंबई को जोड़ने वाले ट्रांस हर्बल लिंक रोड पर एक तरफ का ढाई सौ रुपए टोल टैक्स लगेगा. ये फैसला भी महाराष्ट्र सरकार की कैबिनेट बैठक में लिया गया. समुद्र के ऊपर 20 किलोमीटर पर बनाया गया यह सबसे बड़ा पुल है जो कि महाराष्ट्र सरकार का एक बड़ा प्रोजेक्ट माना जा रहा है. इस पुल के बनने की वजह से मुंबई से नवी मुंबई जाने का सफर सिर्फ 25 मिनट हो जाएगा जो कि पहले करीब 2 घंटे का होता था.