गुलाबराव देवकर, डॉ. सतीश पाटिल जैसे वरिष्ठ नेताओं और उनके समर्थकों ने शरद पवार के नेतृत्व वाले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को छोड़कर अजित पवार गुट का साथ पकड़ लिया. इससे जलगांव में शरद पवार गुट को बड़ा झटका लगा है. अब ये कहा जा रहा है कि जलगांव के कुछ और बड़े नेता भी अजित पवार गुट में शामिल हो सकते हैं. इनमें एकनाथ खडसे का नाम प्रमुखता से लिया जा रहा है. अब इस पर खुद एकनाथ खडसे ने स्थिति स्पष्ट की है.

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एकनाथ खडसे का बयान 

एकनाथ खडसे ने कहा, “अजित दादा के गुट में जलगांव के कुछ नेता गए हैं. जिन्हें जाना था वे चले गए, और जो नहीं जाना चाहते थे वे हमारे साथ हैं. अब मुझे नहीं लगता कि और कोई नेता अजित पवार गुट में जाएगा. हम शरद पवार साहेब के साथ हैं.”

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'मुझे प्रस्ताव मिला था'

उन्होंने आगे कहा, “आज की तारीख में ऐसा कोई गुट अजित पवार की राष्ट्रवादी पार्टी में जाने की संभावना नहीं दिखाता. इन चर्चाओं का कोई अर्थ नहीं है. जब अजित दादा का गुट अलग हुआ था, उसी वक्त जो विधायक जाना चाहते थे, वे चले गए थे. उस समय मुझे भी प्रस्ताव मिला था कि मैं अजित दादा के गुट में शामिल हो जाऊं. लेकिन तब भी मैं नहीं गया और शरद पवार साहेब के साथ ही रहा. आज भी मैं उन्हीं के साथ रहूंगा.”

'शरद पवार के निर्देश ही अंतिम'

खडसे ने स्पष्ट किया कि शरद पवार जो भी निर्णय लेंगे, वही मेरा निर्णय होगा. इसलिए कार्यकर्ताओं को इन चर्चाओं पर ध्यान न देते हुए पार्टी के विस्तार पर ध्यान देना चाहिए. पवार साहेब के निर्देश ही हमारे लिए अंतिम होंगे. एकनाथ खडसे की इस स्पष्ट भूमिका से यह साफ हो गया है कि वे शरद पवार का साथ नहीं छोड़ रहे हैं और अजित पवार गुट में शामिल होने की अटकलों पर विराम लग गया है.