Maharashtra News: महाराष्ट्र के वरिष्ठ नेता एकनाथ खडसे ( Eknath Khadse) ने गुरुवार को मुंबई की एक विशेष अदालत में मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले में आरोप मुक्त किए जाने का आवेदन डाला. मनी लॉन्ड्रिंग का यह मामला 2016 के पुणे जिले के जमीन के सौदे से जुड़ा हुआ है. एकनाथ खडसे की पत्नी मंदाकिनी खडसे और दामाद गिरीश चौधरी ने भी इस मामले में आरोपों से मुक्त किए जाने की मांग की है.

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जब वकील स्वप्निल अंबुरे ने आवेदन दायर किया तब एकनाथ खडसे और मंदाकिनी खडसे सांसदों और विधायकों से संबंधित मामलों की सुनवाई कर रहे स्पेशल जज आरएन रोकाडे के सामने मौजूद थे. इस मामले की जांच ईडी कर रही है लिहाजा आरोपियों की अपील पर कोर्ट ने ईडी से जवाब मांगा है. बता दें कि एकनाथ खडसे महाराष्ट्र की बीजेपी सरकार में मंत्री रहे हैं.

खडसे पर मंत्री रहते पद के दुरुपयोग का लगा था आरोपखडसे पर यह आरोप लगा था कि उन्होंने पद का दुरुपयोग करते हुए पुणे के नजदीक औद्योगिक इलाके में पत्नी और दामाद द्वारा जमीन खरीदने में मदद की. इन आरोपों के कारण खडसे के 2016 में मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था.  ईडी ने आरोप लगाया था कि खडसे परिवार ने यह जमीन 3.75 करोड़ रुपये में खरीदी थी, जबकि इसकी वास्तविक कीमत 31.01 करोड़ रुपये थी.

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खडसे के दामाद को जाना पड़ा था जेलहालांकि ईडी ने कभी भी एकनाथ खडसे को गिरफ्तार नहीं किया था. उनके दामाद को जुलाई 2021 में गिरफ्तार किया गया था. सुप्रीम कोर्ट द्वारा जमानत दिए जाने से पहले उन्होंने दो साल से अधिक समय जेल में बिताया था. खडसे लगभग चार दशकों तक बीजेपी में रहे हैं. लेकिन इस घटना के बाद उन्होंने बीजेपी छोड़ दी थी. वह 2020 में अविभाजित एनसीपी में शामिल हो गए थे. अप्रैल में उन्होंने घोषणा की थी कि वह अपनी मूल पार्टी यानी बीजेपी में शामिल हो जाएंगे, लेकिन उनकी अब तक बीजेपी में वापसी नहीं हुई है.

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