Ajit Pawar on Language Dispute: महाराष्ट्र में भाषा विवाद को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्षी दल आमने सामने हैं. इस बीच राज ठाकरे की पार्टी के कार्यकर्ताओं ने एक दुकानदार के साथ मारपीट की. दरअसल, दुकानदार को मराठी नहीं आती थी. इस वजह से एमएनएस के कार्यकर्ताओं ने दुकानदार को पीट दिया. सरकार ने पहले आदेश जारी किया था कि कक्षा 5वीं तक के बच्चों को हिंदी भी सिखाई जाएगी. बाद में विपक्षी दलों के विरोध के बाद सरकार ने फैसला वापस ले लिया.
किसने कहा यह फैसला विपक्ष के पक्ष में है- अजित पवार
इस बीच मीडिया से बातचीत में कहा, “कौन कह रहा है कि यह फैसला विपक्ष के पक्ष में गया है? यह तो आप बोल रहे हैं, कोई और नहीं. लोगों के मन की बात आप कैसे जानते हैं?”
मेरे दोनों बच्चे भी इंग्लिश मीडियम में ही पढ़े हैं- अजित पवार
पत्रकार द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में अजित पवार ने यह भी सवाल उठाया कि जो लोग मराठी की मांग कर रहे हैं, उनके अपने बच्चे किस माध्यम के स्कूल में पढ़ते हैं. जब पत्रकार ने बताया कि उसका बच्चा इंग्लिश मीडियम स्कूल में पढ़ता है, तो पवार ने कहा, “मेरे दोनों बच्चे भी इंग्लिश मीडियम में ही पढ़े हैं. हर माता-पिता को यह अधिकार है कि वे अपने बच्चों को किस स्कूल में पढ़ाएं.” उन्होंने जोर देते हुए कहा कि महाराष्ट्र में रहने वाले लोगों को मराठी भाषा आनी ही चाहिए- पढ़ना, लिखना और बोलना तीनों जरूरी हैं.
अजित पवार ने यह भी स्पष्ट किया कि मातृभाषा का ज्ञान हर बच्चे को होना चाहिए, लेकिन इसके साथ ही अन्य भाषाओं की भी जानकारी जरूरी है. उन्होंने कहा कि त्रिभाषा नीति पर पुनर्विचार का निर्णय इसी सोच के तहत लिया गया है कि मातृभाषा को प्राथमिकता दी जाए लेकिन बच्चों को अन्य भाषाएं सीखने से रोका नहीं जाए.