MaharashTra News: महाराष्ट्र में पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) की बहाली की मांग को लेकर लगभग 17 लाख सरकारी और अर्ध-सरकारी कर्मचारियों ने आठ नवंबर को राज्य के हर जिले और तहसील में 'पारिवारिक मार्च' आयोजित करने का फैसला किया है.

राज्य कर्मचारियों के विभिन्न संगठनों की एक समन्वय समिति के संयोजक विश्वास काटकर ने सोमवार को कहा कि इस मार्च में शामिल होने वाले कर्मचारी 'मेरा परिवार, मेरी पेंशन' के नारों के साथ अपनी मांग को लेकर जिला कलेक्टरों और तहसीलदारों के कार्यालयों तक जाएंगे.महाराष्ट्र में 2005 में पुरानी पेंशन योजना बंद कर दी गई थी.

काटकर ने कहा, 'हमने आठ नवंबर को सभी जिलों और तहसील में 'पारिवारिक मार्च' निकालने और ओपीएस की बहाली की मांग रखने का फैसला किया है. इस दौरान यदि उचित प्रतिक्रिया नहीं हुई तो हम 14 दिसंबर से ओपीएस की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगे.'

Maharashtra News: उद्धव गुट के विधायक रवींद्र वायकर को ईओडब्ल्यू ने समन भेज किया तलब, जानें- क्या है पूरा मामला

कर्मचारी  राज्य सरकार से खफाकर्मचारी ओपीएस की उनकी मांग को पूरा नहीं करने के कारण राज्य सरकार से खफा हैं. वे शिक्षा क्षेत्र के अप्रत्यक्ष निजीकरण को रद्द करने और सभी रिक्त पदों को भरने की भी मांग कर रहे हैं.

काटकर ने कहा कि लगभग 17 लाख सरकारी और अर्ध-सरकारी कर्मचारी मार्च में शामिल होंगे. ओपीएस के तहत एक सरकारी कर्मचारी को उसके अंतिम आहरित वेतन के 50 फीसदी के बराबर पेशन की सुविधा मिलती है. दीगर है कि देश भर में ओपीएस को लेकर अलग-अलग राज्यों में आंदोलन जारी हैं. बीते दिनों राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भी कर्मचारियों का हुजूम इकट्ठा हुआ था.

इसके अलावा राज्य में मराठा समुदाय के लोग आरक्षण की मांग को लेकर पहले से ही विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने रविवार को कहा कि उनकी सरकार मराठा समुदाय को नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण देने के लिए प्रतिबद्ध है और उन्होंने युवाओं से आत्महत्या जैसा कदम नहीं उठाने का आग्रह किया.