महाराष्ट्र में एमएनएस प्रमुख राज ठाकरे और पूर्व मुख्यमंत्री राज ठाकरे के साथ आने के बाद बड़ा सवाल है कि कांग्रेस का अगला रुख क्या होगा? अटकलों के बीच महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने पार्टी के निकाय चुनाव में अकेले चुनाव लड़ने के संकेत दिए हैं.
चव्हाण ने कहा, ''अगर कांग्रेस इस साल के अंत में होने वाले मुंबई और राज्य के अन्य नगर निकाय चुनावों में अकेले चुनाव लड़ने का फैसला करती है, तो उन्हें आश्चर्य नहीं होगा.''
पीटीआई को दिए इंटरव्यू में कांग्रेस नेता ने कहा, "कांग्रेस पार्टी का रुख यह है कि हमारा गठबंधन हमारे इंडिया गठबंधन के सहयोगियों - शिवसेना (यूबीटी) और एनसीपी (एसपी) के साथ है. अगर वे किसी अन्य पार्टी, समान विचारधारा वाली पार्टी के साथ उप-गठबंधन करना चाहते हैं, तो यह उनका मामला है."
पृथ्वीराज चव्हाण का राज ठाकरे की तरफ इशारा
पृथ्वीराज चव्हाण ने राज ठाकरे की तरफ इशारा करते हुए कहा, ''अगर गठबंधन के साथी ऐसे लोगों के साथ गठबंधन करना चाहते हैं जो मूल रूप से कांग्रेस की विचारधारा, धर्मनिरपेक्षता की विचारधारा और अंबेडकर ने संविधान में जो लिखा है उसकी विचारधारा का विरोध करते हैं, तो हम इसे स्वीकार नहीं करेंगे.''
उन्होंने कहा कि पहले भी हमने स्थानीय निकाय चुनाव अलग से लड़े हैं, और मुझे आश्चर्य नहीं होगा अगर कांग्रेस पार्टी निकाय (समिति) मुंबई, पुणे, नागपुर के चुनावों के लिए अलग से जाने का फैसला करती है.
कांग्रेस ठाकरे ब्रदर्स के मंच से रही दूर
बता दें कि 5 जुलाई को करीब 20 साल के बाद शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे एक मंच पर नजर आए थे. दोनों भाईयों के साथ एनसीपी (एसपी) की नेता सुप्रिया सुले तो दिखीं, लेकिन कांग्रेस दूर रही. कांग्रेस और एमएनएस में पुरानी अदावत रही है.
इसके बाद मंगलवार को एमएनएस के मार्च से भी कांग्रेस के कार्यकर्ता दूर रहे. वहीं एनसीपी (एसपी) और शिवसेना (यूबीटी) के कार्यकर्ता शामिल हुए. कांग्रेस, एनसीपी (एसपी) और शिवसेना (यूबीटी) महाविकास अघाड़ी (एमवीए) का हिस्सा रही है. तीनों ही पार्टी लोकसभा और विधानसभा का चुनाव लड़ी, लेकिन अब राज ठाकरे की एंट्री ने एमवीए के भविष्य पर सवाल खड़े कर दिए हैं.