बीएमसी चुनाव से पहले मुंबई में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा. मंगलवार (26 अगस्त) को मुंबई कांग्रेस की महासचिव और सांसद वर्षा गायकवाड़ के करीबी महेंद्र मुंगेकर ने कांग्रेस छोड़कर एकनाथ शिंदे की शिवसेना का दामन थाम लिया. वो अपनी पत्नी और पूर्व पार्षद पल्लवी मुंगेकर और सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ शिवसेना में शामिल हुए. महेंद्र मुंगेकर मुंबई कांग्रेस का एक बड़ा चेहरा थे और वर्ष गायकवाड़ के करीबी होने की वजह से कांग्रेस में बड़ा कद रखते.

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एकनाथ शिंदे दे सकते हैं बड़ी जिम्मेदारी

मुंबई कांग्रेस से जुड़े फैसलों में मुंगेकर की अहम भूमिका होती थी. उनके कांग्रेस छोड़ शिंदे गुट में शामिल होने की वजह पार्टी से नाराजगी बताई जा रही है. मुंगेकर को बहुत ही जल्द शिवसेना की तरफ़ से बड़ी जिम्मेदारी देने की भी चर्चाए हैं.

बीएमसी चुनाव पर सबकी नजरें

महाराष्ट्र में होने वाले नगर निगम चुनाव से पहले राज्य में नेताओं के पाला बदलने का दौर जारी है. ऐसे में नेताओं के इधर से उधर होने से सियासी माहौल भी गरमाया हुआ है. खासकर सबकी नजरें बीएमसी चुनाव पर टिकी हुई हैं. हर दल की कोशिश है कि बीएमसी में उसका आधार मजबूत हो क्योंकि ये देश का सबसे अमीर नगर निगम है. कुछ राज्यों का सालाना बजट भी बीएमसी के बजट से कम होता है.

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अभी बीएमसी में उद्धव ठाकरे गुट की पकड़ है. महायुति में शामिल शिवसेना और बीजेपी अब अपनी जड़ें यहां मजबूत करना चाहती हैं. ऐसे में स्थानीय स्तर के नेताओं को पार्टी में शामिल कराकर हर दल खुद को मजबूत कर रहा है.

इस बार का बीएमसी चुनाव सियासी मायनों में खास होगा. क्योंकि शिवसेना टूट चुकी है. लोकसभा चुनाव में जहां उद्धव गुट की शिवसेना ने बाजी मारी, विधानसभा चुनाव में शिंदे गुट ने खेल पलट दिया. यानी अभी तक को दो बड़े चुनाव में दोनों गुट ने एक-एक चुनाव में बाजी मारी. अब बीएमसी की बारी है.