CJI BR Gavai Protocol: चीफ जस्टिस (सीजेआई) बीआर गवई रविवार (18 मई) को अपने गृह राज्य महाराष्ट्र पहुंचे. बार काउंसिल ऑफ महाराष्ट्र एंड गोवा ने उनके स्वागत में कार्यक्रम आयोजित किया था, लेकिन यहां राज्य के मुख्य सचिव, डीजीपी या मुंबई पुलिस कमिश्नर उन्हें रिसीव करने नहीं पहुंचे. ये प्रोटोकॉल का उल्लंघन है.
इसको लेकर सीजेआई ने नाराजगी जताते हुए कहा कि उनको (अधिकारी) खुद सोचना चाहिए कि ये सही हुआ या गलत. साथ ही उन्होंने कहा कि न तो न्यायपालिका और न ही कार्यपालिका, बल्कि भारत का संविधान सर्वोच्च है और इसके स्तंभों को मिलकर काम करना चाहिए. उन्होंने कहा, “संविधान के सभी अंगों को एक-दूसरे के प्रति उचित सम्मान प्रदर्शित करना चाहिए.''
कांग्रेस ने क्या कहा?
अधिकारियों की तरफ से स्वागत नहीं करने पर कांग्रेस और शरद पवार की पार्टी एनसीपी (एसपी) ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. कांग्रेस नेता उदित राज ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ''मुख्य नयायाधीश बी आर गवई जी को महाराष्ट्र- गोवा बार काउंसिल ने अभिनंदन के लिए आमंत्रित किया और यह उनका CJI बनने के बाद पहला दौरा है. प्रोटोकॉल के अनुसार चीफ सेक्रेटरी, डीजी पुलिस को रहना चाहिए, लेकिन क्यों नहीं हुआ ऐसा?''
उन्होंने कहा, ''संविधान के तीन अंग हैं कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका. गवई जी न्यायपालिका के हेड हैं. महाराष्ट्र में बीजेपी की सरकार है और उनकी मनुवादी मानसिकता के कारण ऐसा हुआ.''
एनसीपी (एसपी) ने क्या कहा?
एनसीपी (एसपी) के नेता जितेंद्र आव्हाड ने कहा कि महाराष्ट्र के बेटे और सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस भूषण गवई शपथ लेने के बाद पहली बार महाराष्ट्र आए. महाराष्ट्र और गोवा बार काउंसिल ने उनके लिए एक सम्मान समारोह आयोजित किया, जिसमें मुख्य न्यायाधीश ने यहां प्रशासन द्वारा प्रोटोकॉल फॉलो नहीं करने पर सार्वजनिक रूप से नाराजगी व्यक्त की. राज्य के मुख्य सचिव, डीजीपी, आईजी, मुंबई पुलिस कमिश्नर और अन्य अधिकारी मौजूद नहीं थे.''
अगर यह संकीर्णता नहीं है तो और क्या है? प्रशासन से मेरा सार्वजनिक प्रश्न है कि यदि महाराष्ट्र प्रशासन मराठी माटी के गौरव का ख्याल नहीं रखेगा तो कौन रखेगा? कौन माफ़ी मांगेगा?''