Praniti Shinde On Operation Sindoor: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले के एक महीने पूरे हो चुके हैं. सरकार जहां इसके बाद उठाए गए कदमों को गिना रही है, वहीं विपक्ष ने सवाल पूछा है कि आखिर वो आतंकी कब पकड़े जाएंगे, जो हमले में शामिल थे.

कांग्रेस ने गुरुवार (22 अप्रैल) को फ्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि सरकार विदेशों में मार्केटिंग करने में व्यस्त है. कांग्रेस सांसद और पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे की बेटी प्रणिती शिंदे ने कहा, "विदेश में प्रतिनिधिमंडल भेजना ठीक है. यह एक पीआर स्टंट हो सकता है, लेकिन हमारे अपने देश के लोगों का क्या होगा, जिन्हें कुछ सवालों के जवाब चाहिए, जिनसे मोदी सरकार पूरी तरह भाग रही है. अब भी आतंकी फरार क्यों हैं? उसने 26 लोगों की हत्या की थी.''

आतंकियों को पकड़ा जाना चाहिए- प्रणिती शिंदे

उन्होंने कहा, ''अगर आप शहीद लोगों को श्रद्धांजलि देना चाहते हैं तो उन आतंकियों को पकड़ा जाना चाहिए. सरकार क्यों नहीं जवाब दे रही है. हम जवाब चाहते हैं. आतंकियों को पकड़ने में सरकार असफल रही है. अमेरिका ने सीजफायर का ऐलान क्यों किया. सरकार विदेशों में मार्केटिंग करने में व्यस्त है."

सोलापुर से सांसद शिंदे ने कहा, ''चिंताजनक बात ये भी है कि विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने ऑपरेशन से पहले ही पाकिस्तान को सूचना दे दी कि हम हमला करने जा रहे हैं, ऐसे में, हमारे नरेंद्र मोदी से सवाल हैं: आखिर ऑपरेशन के द्वारा ऐसा क्यों किया गया? ऑपरेशन के दौरान संवेदनशील जानकारी पाकिस्तान को क्यों दी गई? इस खुलासे से भारत की सुरक्षा और रणनीतिक बढ़त को कितना नुकसान हुआ? ऐसी सूचना की वजह से हमारी एयरफ़ोर्स को कितना नुकसान हुआ? क्या ऐसा करके देश की राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ समझौता किया गया?''

मोदी सरकार क्या छुपाना चाहती है?- कांग्रेस सांसद

प्रणिती शिंदे शिंदे ने कहा कि आज जब देश स्पष्टता, पारदर्शिता और निर्णायक नेतृत्व की मांग कर रहा है, ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सर्वदलीय बैठक में शामिल क्यों नहीं हो रहे हैं? कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और नेता विपक्षरी राहुल गांधी लगातार पहलगाम हमले को लेकर एक विशेष सत्र की मांग कर रहे हैं. आखिर PM मोदी इससे क्यों भाग रहे हैं?

उन्होंने कहा, ''लोग 'ऑपरेशन सिंदूर' और पहलगाम आतंकी हमले के बारे में जानना चाहते हैं, लेकिन नरेंद्र मोदी बताने को तैयार ही नहीं हैं. मोदी सरकार क्या छुपाना चाहती है? प्रधानमंत्री जवाबदेही से भाग नहीं सकते, जनता स्क्रिप्टेड भाषण नहीं बल्कि ईमानदार जवाब चाहती है.''