महाराष्ट्र में निकाय चुनाव से पहले मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि राज्य में बीजेपी के लिए अनुकूल वातावरण है.  फडणवीस ने कुछ जगहों पर बीजेपी के अकेले चुनाव लड़ने के संकेत दिए.

वर्धा में आयोजित बीजेपी के विचार मंथन कार्यक्रम में फडणवीस ने कहा कि राज्य में जल्द ही स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं के चुनाव होंगे. पहले जिला परिषद के चुनाव होंगे, फिर नगरपालिका और अंत में महानगरपालिका के चुनाव हो सकते हैं. ये चुनाव महायुती (बीजेपी, शिंदे गुट, एनसीपी अजित पवार गुट) के साथ मिलकर लड़े जाएंगे. 

मित्रपक्षों पर कोई टीका-टिप्पणी नहीं की जानी चाहिए- फडणवीस

उन्होंने कहा, ''स्थानीय स्तर पर जहां समस्याएं होंगी, वहां के कार्यकर्ताओं को हमसे चर्चा करनी चाहिए. परंतु अधिकतर जगहों पर चुनाव महायुती के साथ ही लड़ने हैं. जहां महायुती के तहत चुनाव नहीं होंगे, वहां भी मित्रपक्षों पर कोई टीका-टिप्पणी नहीं की जानी चाहिए. हम राज्य में एक साथ सरकार चला रहे हैं, इसलिए एक-दूसरे के खिलाफ बोलना ठीक नहीं.''

फडणवीस ने शिवसेना यूबीटी प्रमुख उद्धव ठाकरे पर निशाना साधते हुए कहा, “2017 में उद्धवजी हमारे साथ सत्ता में थे, लेकिन रोज हमें गालियां देते थे. ऐसा हमको नहीं करना है. जहां महायुती नहीं होगी, वहां भी समन्वय और मैत्रीपूर्ण लड़ाई रहनी चाहिए. लेकिन स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं के चुनावों में बीजेपी का निर्विवाद वर्चस्व दिखाना ही होगा.”

कई जिलों में छोटे-मोटे झगड़े हैं- फडणवीस

देवेंद्र फडणवीस ने आगे कहा, “मेरी एक विनती है कि राज्य में हमारे लिए अनुकूलता है. जनता हमें वोट देने को तैयार है. लेकिन बीजेपी के कई जिलों में छोटे-मोटे झगड़े हैं, ये झगड़े नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच हैं. ये बहुत बड़े झगड़े नहीं हैं. बीजेपी एक परिवार है, भाइयों में मतभेद हो सकते हैं. लेकिन चुनावों के समय सभी को एकजुट रहना चाहिए, बैठ कर बातचीत करनी चाहिए और मतभेद खत्म करने चाहिए.”

उन्होंने चेतावनी दी, “देखा गया है कि कई पार्टियां सिर्फ आपसी कलह की वजह से खत्म हो गईं. एक ने दूसरे को नीचे गिराया और पार्टी गर्त में चली गई. ऐसा हमारी पार्टी में नहीं होना चाहिए. अगर कोई पार्टी को गर्त में ले जाने की कोशिश करेगा, तो पार्टी उसे ही बाहर का रास्ता दिखाएगी. यह सबको ध्यान में रखना चाहिए.”

देवेंद्र फडणवीस ने उदाहरण देते हुए कहा, “अभी तक रक्तदान के मामले में शिवसेना का रिकॉर्ड था,  एक दिन में 25,000 यूनिट रक्तदान. लेकिन 22 जुलाई को हमारे प्रदेश अध्यक्ष के आदेश के बाद बीजेपी कार्यकर्ताओं ने एक दिन में 78,000 यूनिट रक्त एकत्र किया. इससे यह साबित होता है कि अगर हम कुछ ठान लें, तो हम क्या कर सकते हैं.''