महाराष्ट्र से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है. छत्रपति संभाजीनगर के खड़गांव गांव में 17 सितंबर दोपहर 2 बजे 45 साल किसान संजय कोहकाडे ने रेवेन्यू विभाग के अधिकारियों के सामने ही अपनी जान दे दी. यह घटना तब हुई जब अधिकारी उनके खेत में जलभराव की शिकायत की जांच करने पहुंचे थे. 

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मामला पाचोड़ पुलिस स्टेशन में आकस्मिक मृत्यु के रूप में दर्ज हुआ है और आगे की जांच जारी है. इस घटना ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है और प्रशासनिक कामकाज पर गंभीर सवाल उठाए हैं.

क्या है पूरा मामला?

संजय कोहकाडे ने अपने खेत में लगातार हो रहे जलभराव और वहां तक जाने के लिए सड़क निर्माण की मांग को लेकर पहले ही शिकायत दर्ज कराई थी. जलभराव सड़क के दोनों किनारे खुदी नालियों के कारण हो रहा था जिससे उसकी फसल और जमीन को नुकसान पहुंच रहा था.

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17 सितंबर दोपहर सर्कल ऑफिसर शुभांगी शिंदे और तलाठी लक्ष्मीकांत गोजरे खड़गांव पहुंचे और मौके का निरीक्षण शुरू किया. गवाहों के अनुसार इस दौरान संजय कोकहाडे को डांटा गया और चेतावनी दी गई कि बाधा डालने पर उन पर मामला दर्ज किया जा सकता है. इससे किसान और अधिक आहत हो गया.

नाराज किसान कुएं में कूदा

बातचीत के दौरान अचानक संजय कोकहाडे पास स्थित कुएं में कूद गए. उन्हें तैरना नहीं आता था और बचाव से पहले ही उनकी मौत हो गई. कुएं में गिरते समय सिर पर चोट भी लगी जिससे उनकी स्थिति और गंभीर हो गई.

घटनास्थल पर मौजूद लोगों ने बताया कि अधिकारी की मौजूदगी में किसान को सार्वजनिक तौर पर अपमानित किया गया था, जिसके बाद उसने यह आत्मघाती कदम उठाया. यह घटना प्रशासनिक संवेदनशीलता पर बड़ा सवाल खड़ा करती है और ग्रामीणों में भी आक्रोश का माहौल है.

संजय कोकहाडे के परिजनों और गांववालों ने अस्पताल में हंगामा किया और संबंधित अधिकारियों व प्रतिद्वंद्वी किसान के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की.

पुलिस ने आकस्मिक मृत्यु का मामला दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है. रेवेन्यू विभाग ने भी आंतरिक जांच की घोषणा की है ताकि घटना की पूरी सच्चाई सामने आ सके.