Bulli Bai App Case: बुल्ली बाई एप मामले में बांद्रा कोर्ट ने तीनों आरोपियों की जमानत याचिका पर फैसला गुरुवार तक के लिए सुरक्षित रख लिया है. वहीं, मुंबई पुलिस के साइबर सेल ने कोर्ट में दाखिल अपने हलफनामे में मामले के तीन आरोपियों विशाल कुमार झा, श्वेता सिंह और मयंक रावत की जमानत याचिकाओं का विरोध किया. पुलिस ने जमानत याचिकाएं खारिज करने का अनुरोध करते हुए ये आशंका जताई कि आरोपी जेल से बाहर आने के बाद भाग सकते हैं या सबूतों से छेड़छाड़ कर सकते हैं.


बता दें कि कोरोना से ठीक होने के बाद विशाल कुमार झा को आर्थर रोड़ जेल भेजा दिया गया है. वहीं, श्वेता सिंह को बाईकुला महिला जेल में रखा गया है. इसके अलावा तीसरा आरोपी मयंक रावात, जो कि बीते हफ्ते कोरोना पॉजिटिव पाया गया था, फिलहाल क्वारंटीन सेंटर में हैं. 


सिख नामों का किया इस्तेमाल 


मुंबई पुलिस ने सोमवार को कोर्ट को बताया कि ‘बुल्ली बाई’ ऐप से जुड़े एक मामले में गिरफ्तार किए गए तीन छात्रों ने अपने सोशल मीडिया खातों के लिए सिख समुदाय से जुड़े नामों का इस्तेमाल किया था. पुलिस ने कहा, ‘‘आरोपी सोशल मीडिया पर अत्यधिक सक्रिय थे और ऐसी सामग्रियां पोस्ट कर रहे थे, जिससे समाज में शांति भंग होने का खतरा था.’’


सुल्ली डील्स एप से जुड़े हैं तार  


पुलिस ने कोर्ट में कहा, ‘‘शुरुआती जांच में पता चला है कि 'बुल्ली बाई' ऐप के अलावा ये गिरफ्तार आरोपी जुलाई 2021 की 'सुल्ली डील्स' ऐप में भी सक्रिय थे और इस मामले में अभी और जांच किए जाने की आवश्यकता है.’’ साथ ही साइबर सेल ने बताया कि पुलिस की एक टीम को दो अन्य आरोपियों को हिरासत में लेने के लिए दिल्ली भेजा गया है.


इस मामले में एक अन्य आरोपी नीरज बिश्नोई को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने गिरफ्तार किया था. इसके अलावा एक अन्य आरोपी ओंकारेश्वर ठाकुर को ‘सुल्ली डील्स’ ऐप मामले में गिरफ्तार किया गया है. बता दें कि मुंबई पुलिस के साइबर सेल ने श्वेता सिंह और मयंक रावत  को पांच जनवरी को उत्तराखंड और विशाल कुमार झा को चार जनवरी को बेंगलुरू से गिरफ्तार किया था. इस ऐप के जरिये कथित तौर पर मुस्लिम महिलाओं को निशाना बनाया जाता था. ये तीनों आरोपी इस समय न्यायिक हिरासत में हैं.