महाराष्ट्र लोकसभा चुनाव के नतीजों से अब तक नेता संतुष्ट नहीं है. ऐसा इसलिए कहा जा सकता है क्योंकि उद्धव ठाकरे गुट की ओ से ठाणे सांसद की जीत को चुनौती दी गई. हालांकि, बंबई हाई कोर्ट ने याचिका में डिफेक्ट पाते हुए इसे खारिज कर दिया. 

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दरअसल, उद्धव ठाकरे गुट के नेता राजन विचारे ने हाई कोर्ट में पेटिशन डालते हुए दावा किया था कि एकनाथ शिंदे गुट के सांसद नरेश म्हस्के का चुनाव रद्द होना चाहिए, क्योंकि उन्होंने अपने हलफनामे में क्रिमिनल रिकॉर्ड की जानकारी छुपाई थी.

हाई कोर्ट की बेंच ने पेटीशन पढ़ने के बाद कहा कि याचिका में कार्रवाई का कारण नहीं बताया गया है और इसमें कई डिफेक्ट हैं.

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'दोषसिद्धि का खुलासा नहीं किया'- उद्धव ठाकरे गुटराजन विचारे की ओर से याचिका में दावा किया गया था कि नरेश म्हस्के ने अपने चुनावी हलफनामे में किसी क्रिमिनल केस में अपनी दोषसिद्धि का खुलासा नहीं किया. इसलिए उनका चुनाव रद्द किया जाना चाहिए. शिवसेना सांसद ने इस याचिका का विरोध किया था. 

एकनाथ शिंदे के सांसद ने दी सफाईम्हस्के ने तर्क दिया कि उन्हें हलफनामे में इसका जिक्र करने की जरूरत नहीं पड़ी, क्योंकि नियम के अनुसार इसका खुलासा तभी करना पड़ता है जब दोषी ठहराए जाने पर एक साल या उससे ज्यादा की सजा हो. 

हाई कोर्ट ने स्वीकार किया नरेश म्हस्के का तर्कनरेश म्हस्के ने बताया कि उन्हें इस मामले में बिना किसी कारावास के प्रोबेशन पर रिहा कर दिया गया था. हाई कोर्ट ने इस तर्क को स्वीकार किया और कहा कि चुनाव याचिका में कार्रवाई का कारण बताने में याचिकाकर्ता असफल रहे हैं. 

लोकसभा चुनाव में शिंदे गुट के नतीजेमालूम हो, एकनाथ शिंदे की शिवसेना ने महाराष्ट्र की 14 सीटों पर चुनाव लड़ा था, जिसमें से सात सीटों पर जीत हासिल की थी. हालांकि, पिछले चुनाव नतीजों की तुलना में इस बार एकनाथ शिंदे गुट को निराशा मिली थी, क्योंकि उनकी 6 सीटें कम हो गईं.