Supriya Sule: एनसीपी के वरिष्ठ नेता शरद पवार ने सांसद सुप्रिया सुले और प्रफुल्ल पटेल को कार्यकारी अध्यक्ष चुना है. उसके बाद अजित पवार के नाराज होने की बातें होने लगीं. उन्होंने टिप्पणी करने से भी इनकार कर दिया. उसके बाद अजित पवार की असल जिम्मेदारी क्या होगी? सुप्रिया सुले ने कहा, "अजीत पवार राज्य में विपक्षी दल के नेता हैं, उनकी स्थिति मुख्यमंत्री के समान है. राज्य में मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता की बड़ी भूमिका होती है." इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि राज्य की जिम्मेदारी अजित पवार पर है.
महाराष्ट्र में भाई-भतीजावाद की चर्चाकार्यवाहक अध्यक्ष बनने के बाद विपक्षी दल और सोशल मीडिया पर भाई-भतीजावाद की चर्चा होने लगी. सुप्रिया सुले ने कहा कि देश में हर जगह परिवार का राज है. इस चयन में भी भाई-भतीजावाद है और यह स्वीकार्य है. सुविधा की दृष्टि से लोग पवार के वंशवादी शासन को देखते हैं. मैं शरद पवार की बेटी हूं. मुझे इस पर गर्व है. उन्होंने विपक्ष से कहा, "जब एक नाव मेरे पास आती है, तो दूसरी नावें उनके पास जाती हैं, इसलिए उन्हें आरोप लगाने दें."
क्या बोलीं सुप्रिया सुले?उन्होंने कहा, जब मैं देश में एक सांसद के रूप में नेतृत्व कर रही हूं, तो विपक्ष को वंशवाद नहीं दिखता है. सिर्फ इसलिए कि मैं शरद पवार की बेटी हूं इसका मतलब यह नहीं है कि मैं देश में संसद में प्रवेश करने वाली पहली हूं. इसलिए, बहुत से लोग वंशवाद को अपनी सुविधा के रूप में देखते हैं.
विरोधियों को क्यों निशाना बनाते हैं?विपक्षी नेता आरोप लगा रहे हैं कि अजित पवार को पीछे छोड़ दिया गया और उनके साथ अन्याय हुआ. सुप्रिया सुले ने विरोधियों को बखूबी चुनौती दी है. अजीत पवार के मिजाज को उनके विरोधी ही समझ सकते हैं. उन्होंने आरोप लगाया है कि अब उनकी आलोचना करने वाला कोई नहीं बचा है, इसलिए वह एनसीपी, मुझे और अजित पवार को निशाने पर लेते हैं.