बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए की बंपर जीत के पीछे की वजह को ' मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना' के तहत महिलाओं को दी जाने वाले 10 हजार रुपये को बता रहा है. इस बीच अब राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि वह संसद सत्र के दौरान विपक्षी नेताओं से मुलाकात करके बिहार में हाल के चुनावों से पहले महिलाओं के खातों में धन राशि अंतरित करने के मामले पर चर्चा करेंगे.

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बिहार चुनावों में महागठबंधन को करारी शिकस्त देकर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की भारी जीत के कुछ दिनों बाद पवार की यह टिप्पणी आई है. पवार ने सोलापुर में संवाददाताओं से कहा, "चुनाव का परिणाम हमारी उम्मीदों के विपरीत रहा. हालांकि, जनादेश को स्वीकार करना ही पड़ेगा. हर किसी ने देखा कि महाराष्ट्र और बिहार में, चुनावों से ठीक पहले 'लाडकी बहिन' जैसी योजनाएं और महिलाओं के खाते में 10,000 रुपये सीधे ट्रांसफर किए गए. ऐसी चीजें पहले कभी नहीं देखी गई थीं."

'चुनाव से पहले सीधे पैसे देना पहले नहीं देखा'

वह मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना का जिक्र कर रहे थे, जिसके तहत बिहार में हर परिवार की एक महिला सदस्य को व्यवसाय शुरू करने के लिए धनराशि दी जाती है. शरद पवार ने कहा कि उन्होंने सुना था कि स्थानीय निकाय चुनावों के दौरान पैसे बांटे जाते हैं, लेकिन राज्य चुनावों से पहले सरकार द्वारा सीधे महिलाओं के खाते में 10,000 रुपये देना नई बात थी.

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संसद के चर्च में करेंगे चर्चा

उन्होंने कहा, "अगर बिहार चुनावों में एनडीए की जीत के पीछे 10,000 रुपये वितरित करना कारण था, तो हमें इस पर विचार करने की जरूरत है. संसद का सत्र एक दिसंबर से शुरू होने वाला है. इस दौरान हम प्रमुख विपक्षी नेताओं को एक साथ लाकर इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे और एक रणनीति तैयार करेंगे. कम से कम, मैं तो इस दिशा में सोच रहा हूं."

एक दिन पहले, पवार ने इस बात पर आश्चर्य जताया था कि निर्वाचन आयोग ने बिहार में चुनाव प्रक्रिया के दौरान धन वितरण की अनुमति कैसे दी.