बीएमसी चुनाव से पहले उद्धव ठाकरे की शिवसेना मजबूत होती दिखाई दे रही है. दरअसल, महाराष्ट्र में शेतकरी क्रांति संगठन का शनिवार (02 अगस्त) को उद्धव ठाकरे की पार्टी शिवसेना (यूबीटी) में विलय हो गया.
संगठन के संस्थापक अध्यक्ष भाऊसाहेब बिलेवर समेत प्रदेश और जिला स्तर के पदाधिकारी भी उद्धव ठाकरे की पार्टी में शामिल हुए. शिवसेना (UBT) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने सभी का अपनी पार्टी में स्वागत किया.
इस मौके पर शिवसेना (यूबीटी) सांसद अरविंद सावंत, पार्टी प्रवक्ता जयश्री शेलके, विधायक संजय डेकर, जिला प्रमुख जालिंदर बुढावत के साथ ही अन्य पदाधिकारी और शिवसैनिक उपस्थित थे. उद्धव ठाकरे को उम्मीद है कि शेतकरी संगठन के उनकी पार्टी में विलय होने से शिवसेना (यूबीटी) की ताकत बढ़ेगी.
सभी लोग पैसों के लिए नहीं बिकते- उद्धव ठाकरे
उद्धव ठाकरे ने किसान क्रांति संगठन के कार्यकर्ताओं से बातचीत भी की. उन्होंने कहा, ''कई लोग शिवसेना यूबीटी को खत्म करने पर तुले हुए हैं. वे उद्धव ठाकरे को खत्म करने पर तुले हुए हैं. अब उनके सामने असली सवाल है कि उद्धव ठाकरे खत्म क्यों नहीं हो रहे? सभी लोग पैसों के लिए नहीं बिकते. कुछ गद्दार पैसों के लिए बिक सकते हैं लेकिन वफादार नहीं बिक सकते, इसलिए मेरे सभी पुराने साथी मेरे साथ हैं.''
27 जुलाई को मातोश्री पहुंचे थे राज ठाकरे
महाराष्ट्र में लोकल बॉडी इलेक्शन के साथ ही बीएमसी के भी चुनाव होने हैं. सभी पार्टियां अपनी-अपनी रणनीति के हिसाब से सियासी जमीन को मजबूत करने में जुटी है. उद्धव ठाकरे भी आगामी चुनाव को देखते हुए अपनी पार्टी के जनाधार को मजबूत करने की कोशिशों में लगे हैं. 27 जुलाई को शिवसेना-यूबीटी के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के जन्मदिन पर 13 साल बाद मनसे प्रमुख राज ठाकरे 'मातोश्री' पहुंचे थे.
इससे पहले 5 जुलाई को भी ठाकरे ब्रदर्स ने मंच शेयर किया था, जिसके बाद से दोनों के साथ आने को लेकर सियासी गलियारों में चर्चा तेज हो गई है. करीब 20 साल बाद 5 जुलाई को दोनों भाई किसी सियासी मंच पर एक साथ नजर आए थे.