BMC Election 2022: देश की सबसे अमीर महानगरपालिका (Municipal Corporation) में जल्द ही चुनाव होने वाले हैं. चुनावों को लेकर सभी राजनीतिक पार्टियां तेयारियों में जुट गई हैं. चुनावों से पहले आज हम आपको बृहन्मुंबई नगर निगम (Brihanmumbai Municipal Corporation) से जुड़ी खास जानकारियां दे रहे हैं. चुनावों से पहले हम आपको बता रहे हैं कि इस समय बीएमसी (BMC) के मेयर और डिप्टी मेयर कौन हैं और कौन होता है इसका नगर आयुक्त कौन है. 


बृहन्मुंबई नगर निगम


बृहन्मुंबई नगर निगम महाराष्ट्र (Maharashtra) की राजधानी मुंबई (Mumbai) का निकाय है. यह भारत का सबसे धनी नगर निगम है, बीएमसी का वार्षिक बजट भारत के कुछ छोटे राज्यों से अधिक है. यह बॉम्बे नगर निगम अधिनियम 1888 के तहत स्थापित किया गया था. बीएमसी शहर और कुछ उपनगरों के नागरिक बुनियादी ढांचे और प्रशासन के लिए जिम्मेदार है.


बीएमसी का नेतृत्व एक आईएएस अधिकारी करता है जो नगर आयुक्त के रूप में कार्य करता है, कार्यकारी शक्ति का संचालन करता है. नगरसेवकों का चुनाव करने के लिए एक पंचवर्षीय चुनाव होता है, जो बुनियादी नागरिक बुनियादी ढांचे और कर्तव्यों को लागू करने के लिए जिम्मेदार होते हैं. मेयर, आमतौर पर बहुमत दल से, सदन के मुखिया के रूप में कार्य करता है. जून 2008 तक, बीएमसी में सभी प्रशासनिक व्यवसाय मराठी में आयोजित किए गए थे, एक ऐसा निर्णय जिसने विवाद को जन्म दिया, जिसके बाद बीएमसी ने अपना रुख आसान कर लिया और अंग्रेजी में फॉर्म स्वीकार करना शुरू कर दिया.


मुंबई मेयर 


इस समय बीएमसी की मेयर शिव सेना (Shiv Sena) की किशोरी पेडनेकर (Kishori Pednekar) हैं. किशोरी का जन्म 25 दिसंबर 1962 को हुआ था. साल 2019 में किशोरी बिना किसी विरोध के मेयर चुनी गई थी . किशोरी ने राजनीति में आने से पहले एक नर्स के रूप में कार्य किया था. इसके बाद साल 2020 में कोरोना महामारी के आने के बाद उन्होंने नर्स के रूप में काम किया था. उन्होंने ऐसा अन्य स्वास्थ्य कर्मियों को प्रेरित करने के लिए किया था. शादी के बाद वह शिवसेना में शामिल हो गईं थी. वह 2002 में मुंबई के लोअर परेल इलाके से पार्षद बनीं. इसके बाद साल 2012, 2017 में वे शिव सेना से पार्षद का चुनाव जीतीं.


मुंबई डिप्टी मेयर


सुहास वाडकर (Suhas Wadkar) एक भारतीय राजनेता हैं जो बृहन्मुंबई नगर निगम के वर्तमान उप महापौर के रूप में कार्यरत हैं, जो भारत का सबसे अमीर नगर निगम है. उन्हें बिना किसी विरोध के मुंबई के उप महापौर के रूप में चुना गया था. 


नगर आयुक्त 


इस समय इकबाल सिंह चहल (Iqbal Singh Chahal) बीएमसी के नगर आयुक्त (Municipal Commissioner) हैं. इकबाल सिंह साल 1989 बैच के महाराष्ट्र कैडर के आईएएस (IAS) अधिकारी हैं. अपने प्रारंभिक करियर में वे ठाणे और औरंगाबाद (Thane and Aurangabad) जिलों के कलेक्टर (District Collector) थे. इसके बाद वे गृह मंत्रालय (Ministry of Home Affairs), महिला एवं बाल विकास मंत्रालय (Ministry of Women and Child Development) और पंचायती राज मंत्रालय (Ministry of Panchayati Raj) में संयुक्त सचिव (Joint Secretary) थे. इसके बाद उन्होंने महाराष्ट्र के जल संसाधन विभाग (Water Resources Department) और शहरी विकास विभाग (Urban Development Department) में बतौर प्रधान सचिव (Secretary General) भी काम किया. 


चहल को कोरोना महामारी के दौरान किए अपने काम के लिए खासा तारीफें मिली थी. चहल को व्यापक रूप से मुंबई में COVID-19 को नियंत्रण में रखने का श्रेय दिया जाता है.


कोविड महामारी के दौरान किया बेहतरीन काम


देश के सर्वोच्च न्यायालय (Supereme Court) और महाराष्ट्र के उच्च न्यायालय (Bombay High Court) ने भी अपने मुंबई मॉडल के लिए चहल की सराहना की थी. उन्होंने नए क्षेत्र के अस्पतालों के माध्यम से हजारों बिस्तर जोड़े, और निजी सुविधाओं ने अपने कोविड -19 वार्डों को सरकार को सौंप दिया, जिसमें 800 वाहनों को एम्बुलेंस में बदल दिया गया. धारावी सहित 55 मलिन बस्तियों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए एक सक्रिय दृष्टिकोण का उपयोग किया गया था, जहां एक सख्त लॉक-डाउन के साथ सार्वजनिक शौचालयों की आक्रामक स्वच्छता, बड़े पैमाने पर कोरोनावायरस स्क्रीनिंग और यह सुनिश्चित करने के लिए एक बड़ा स्वयंसेवी प्रयास था कि कोई भी भूखा न रहे. मुंबई में सभी सकारात्मक परीक्षण रिपोर्ट "वॉर रूम" के माध्यम से भेजी गई थी.


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